AVN News Desk: मशहूर शायर मुनव्वर राना का निधन हो गया है। रविवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई है। मुनव्वर राना पिछले कई दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे। मौत की खबर से रायबरेली में शोक का माहौल है।
शायर मुनव्वर राना के परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है। राना के बेटे तबरेज ने बताया है कि बीमारी के कारण वह 14 से 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने रविवार रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली।

पीजीआई लखनऊ में उनका इलाज चल रहा था। उन्हें किडनी व हृदय रोग से संबंधित समस्या थी। उनकी बेटी सुमैया राना ने बताया है कि रात साढ़े 11 बजे के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली। दिल का दौरा पड़ा था। रायबरेली में आज उनका अंतिम संस्कार होगा। पिछले दो साल से किडनी खराब होने के कारण राना डायलिसिस पर थे। वह फेफड़ों की गंभीर बीमारी से भी काफी परेशान थे। 9 जनवरी को हालत खराब होने पर पीजीआई लखनऊ में एडमिट कराया गया था। इससे पहले वह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती भी कराए गए थे।
मगर रविवार देर रात उनका लखनऊ में इलाज के दौरान निधन हो गया। यह खबर पता चलते ही उनके पैतृक आवास किला बाजार में लोगों का ताता लग गया। हालांकि परिवार वाले वहां नहीं हैं। निधन से पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है।
मुनव्वर राना परिवार के करीबी हैदर बताते हैं कि मुनव्वर राना ने जिंदगी का ज्यादातर वक्त कोलकाता में गुजारा है। लगभग दो दशक से लखनऊ में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। रायबरेली कभी कभी आते थे, लेकिन बीमारी की वजह से दो साल से नहीं आए थे। मुनव्वर के बच्चे जरूर पुश्तैनी घर किला बाजार आते रहे है।
मुनव्वर राना का विवादों से अक्सर रहा है पुराना नाता
मुनव्वर राना का विवादों से भी बहुत गहरा नाता रहा है. 2022 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव से पहले मुनव्वर राना ने कहा था कि योगी आदित्यनाथ अगरह दोबारा मुख्यमंत्री बने तो उत्तर प्रदेश छोड़ दूंगा. दिल्ली-कोलकाता चला जाऊंगा. मेरे पिता ने पाकिस्तान जाना मंजूर नहीं किया है लेकिन अब बड़े दुख के साथ मुझे यह शहर, यह प्रदेश, अपनी मिट्टी को छोड़ना पड़ेगा. मुनव्वर राना ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री के कंधे पर हाथ रखकर ही बुरा कर दिया है, जिसकी वजह से उन्होंने उत्तर प्रदेश में भेदभाव फैला दिया है. इस सरकार ने सिर्फ नारा दिया सबका साथ सबका विकास का, हुआ कुछ भी नहीं. इनका बस चले तो प्रदेश से मुसलमानों को ही छुड़वा दें. उनके लिए दिल्ली कोलकाता गुजरात सबसे ज्यादा सुरक्षित है.
साल 2021 में मुनव्वर राना ने बेटे तबरेज पर हुई फायरिंग के बाद खुद की जान को खतरा बताते हुए गंभीर सवाल भी उठाए थे. जबकि साल 2020 में कार्टून विवाद को लेकर फ्रांस में स्कूल टीचर की गला रेतकर हत्या करने की घटना को मुनव्वर राना ने जायज ठहराया था. उन्होंने यह तर्क देते हुए कहा था कि अगर मजहब मां के जैसा है, अगर कोई आपकी मां का, या मजहब का बुरा कार्टून बनाता है या गाली देता है तो वो गुस्से में ऐसा करने को मजबूर होता हैं.
मुनव्वर राना ने किसान आंदोलन पर पहले ट्विटर अब एक्स पर एक शेर लिखा था, जिस पर विवाद हो गया. अपने इस शेर में मुनव्वर ने संसद को गिरा कर खेत बनाने की बात कही और सेठों के गोदामों को जला देने की बात कही थी. हालांकि, विवाद होने पर उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट भी कर दिया था.
आखिर कौन थे राना?
मुनव्वर राना प्रसिद्ध शायर और कवि थे, उर्दू के अलावा हिंदी और अवधी भाषाओं में भी लिखते थे. मुनव्वर ने कई अलग शैलियों में अपनी गजलें भीं प्रकाशित कीं. उनको उर्दू साहित्य के लिए 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) और 2012 में शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रतन सम्मान (Maati Ratan Samman) से भी सम्मानित किया गया था. उन्होंने लगभग एक साल के बाद अकादमी पुरस्कार लौटा दिया था. साथ ही बढ़ती असहिष्णुता के कारण कभी भी सरकारी पुरस्कार को स्वीकार नहीं करने की कसम खाई थी.
अखिलेश यादव ने दी श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुनव्वर राना के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हे श्रद्धांजलि दी है।
