AVN News Desk: झारखंड को नया मुख्यमंत्री मिल चुका है । झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी से सरायकेला विधानसभा सीट से विधायक हैं। कैबिनेट मंत्री के रूप वह हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इस बीच उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं जेएमएम के विधायकों ने चंपई सोरेन को अपने विधायक दल का नेता चुन लिया है. झारखंड में टाइगर नाम से मशहूर चंपई सोरेन अब राज्य के अगले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वर्तमान में चंपई सोरेन झारखंड के कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री हैं. इससे पहले तक हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का भी नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में खूब चल रहा था.

आखिर कौन हैं चंपई सोरेन?

चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित  जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं. उनका पिता का नाम सिमल सोरेन है, जो कि खेती किसानी का काम किया करते थे. वह 2020 में 101 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था. चंपई सोरेन उनके चार बच्चों में बड़े बेटे हैं. 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से चंपई सोरेन ने पढ़ाई लिखाई की है. इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया था. शादी के बाद चंपई के 4 बेटे और तीन बेटियां हुईं हैं. इसी दौरान बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग लगातार उठने लगी. पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के साथ ही चंपई सोरेन भी झारखंड के आंदोलन में उतर गए थे. जल्द ही ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से मशहूर भी हो गए थे. इसके बाद चंपई सोरेन ने अपनी सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर का आगाज कर दिया था. इसके बाद ही वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए थे.

झारखंड
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और साथ में नए नवेले सीएम चंपई सोरेन

झारखंड में टाइगर के नाम से चर्चित

जब बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठ रही थी उस दौरान चंपई सोरेन का नाम खूब चर्चा में रहा। शिबू सोरेन के साथ ही चंपई सोरेन ने भी झारखंड के आंदोलन में भाग लिया था। इसके बाद ही लोग उन्हें ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से बुलाने लगे थे। देखते देखते उनकी भी खूब पकड़ हो गया था झारखंड राजनीति में।

2005 में चंपई सोरेन पहली बार विधायक बने

2005 में चंपई सोरेन पहली बार झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद 2009 में भी विधायक बने थे। उन्होंने सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी।वहीं जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन कैबिनेट भी मंत्री थे।

2014 में भी तीसरी बार झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए थे। वहीं 2019 में चौथी बार विधायक बने थे। इसके साथ ही वह हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बन गए थे।

भाजपा सरकार में भी रह चुके हैं मंत्री

भाजपा नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल, 129 दिन की सरकार में झामुमो नेता चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अहम मंत्रालय भी दिए गए थे. चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे थे. इसके बाद ही राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया था.

हेमंत सोरेन की सरकार में दूसरी बार बने थे मंत्री

वहीं, दूसरी बार 2019 में फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रखा गया है. चंपई झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं. अब उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है. इसके बाद चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे.

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