AVN News Desk New Delhi: लोकसभा चुनाव का समय करीब आने वाला है और सभी राजनीतिक दल अपने अपने कुनवो को मजबूत करने में लगे हुए है . पार्टियां अपने उम्मीदवारों का ऐलान करने के साथ साथ ही रूठे नेताओं को मनाने का सिलसिला भी लगा हुआ है, अब गठबंधन का गणित सेट करने और पुराने सहयोगियों को फिर से साथ लाकर कुनबा बढ़ाने की कोशिशों में सब जुटी हैं. केंद्र की सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इन चुनावों में ‘अबकी पार, 400 पार’ का नारा तो दे दिया है. अब पार्टी इस नारे को चुनाव नतीजे में तब्दील करने के लिए पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक के सभी समीकरण सेट करने में जुट गई है. क्योंकि बीजेपी जितना मर्जी दम भर ले अबकी बार 400 पार मगर सच्चाई उनको भी पता है अकेले तो हम ऐसे 400 तक या बहुत के आंकड़ा तक नहीं पहुंच पाएंगे.
बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड (JDU), उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (RLD), कर्नाटक में एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल सेक्यूलर (JDS) की एनडीए में वापसी के बाद अब ताजा अपडेट आंध्र प्रदेश और ओडिशा को लेकर आ रहा है.
आंध्र प्रदेश से चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलगुदेशम पार्टी (TDP) और ओडिशा से सत्ताधारी नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (BJD) के एनडीए में शामिल होने की चर्चा जोरो पर चल रही है. बीजेपी और बीजेडी में दिल्ली से भुवनेश्वर तक लगातार बैठकों का दौर चल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया ओडिशा दौरे के दौरान उनकी नवीन पटनायक के साथ एक अच्छी केमिस्ट्री भी नजर आई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की जमकर तारीफ भी की. बीजेपी और बीजेडी गठबंधन के ऐलान को अब महज कुछ औपचारिकता ही बताया जा रहा है. वहीं, चंद्रबाबू नायडू के भी 7 मार्च को दिल्ली पहुंचकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने का कार्यक्रम भी है. आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं और टीडीपी चाहती है कि जल्द से जल्द गठबंधन को मज़बूत और फाइनल रूप दिया जाए. फिलहाल, टीडीपी का आंध्र में पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जनसेना पार्टी के साथ गठबंधन है और दोनों ही दल संयुक्त उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर चुके हैं.

बिहार में नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी साथ आए
बीजेपी को सबसे पहली बड़ी सफलता बिहार में मिली है. विपक्षी एकजुटता की कवायद के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने विपक्षी गठबंधन से किनारा कर एनडीए में वापसी कर ली थी. उत्तर प्रदेश में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर अच्छा प्रभाव रखने वाली आरएलडी भी अब एनडीए में आ गई है तो वहीं बीजेपी कर्नाटक में जेडीएस को साथ लाने में भी सफल रही है. ये तो हुई पार्टियों के एनडीए में आने की बात. छोटे स्तर पर भी बीजेपी ने दूसरे दलों के नेताओं को अपने पाले में करने के लिए भी राज्य स्तर पर एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है.

महाराष्ट्र से लेकर अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु तक दूसरे दलों के कई नेता हाल के दिनों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम चुके हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कांग्रेस पार्टी, पश्चिम बंगाल में तापस रॉय टीएमसी (TMC ) छोड़ बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के चार में से तीन विधायक, बिहार में आरजेडी और कांग्रेस पार्टी के आधा दर्जन से अधिक विधायक अब तक बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. गुजरात में कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया, पूर्व विधायक अंबरीश डेर और तमिलनाडु में भी एआईएडीएमके के 16 पूर्व विधायक और पूर्व सांसद अब बीजेपी में शामिल हो गए थे.

लोकसभा चुनाव में आगे और कहां-कहां कुनबा बढ़ने की उम्मीद
एनडीए में जिस तरह से साथ छोड़ गई पार्टियां वापस लौट रही हैं, पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की वापसी को लेकर भी खूब चर्चा होती रही है. तेलंगाना चुनाव में हार के बाद से ही केसीआर के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस के भी बीजेपी के साथ आने की भी खूब चर्चा है. हालांकि, अकाली दल के नेता एनडीए में वापसी की अटकलों को नकारते ही रहे हैं. उत्तर प्रदेश में विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के चीफ व्हिप रहे मनोज पांडेय, पवन पांडेय, पूजा पाल समेत सात और हिमाचल में कांग्रेस के राजेंद्र राणा समेत छह विधायकों ने भी बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. इन सभी के भी बीजेपी में शामिल होने की खूब चर्चा है. केरल में एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी के बाद अब एक और पूर्व सीएम के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल भी बीजेपी में आ रही हैं.