Consumer Rights Day : हर साल 15 मार्च को उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा हेतु दुनियाभर में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। कई बार ऐसा होता है कि खरीदारी करने के बाद हम खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं. इसकी कई वजह हो सकती हैं. या तो आपसे किसी सेवा के नाम पर एक्स्ट्रा पैसा वसूला गया हो या आपको सही चीज न मिली हो. ऐसा होने पर क्या किया जाए? इस बात की जानकारी सभी को नहीं होती है. वर्ल्ड कंज्यूमर डे के मौके पर जानते हैं आपके अधिकार.
जब हमें अनजाने में ठगा जाता है, तो यह काफी दुखद होता है। किसी सेवा या उत्पाद के लिए अधिक पैसा देना या गलत चीज़ प्राप्त करना, ये सभी अच्छा नहीं होता। लेकिन हमारे पास कंज्यूमर राइट्स होते हैं, जो हमें संरक्षित रखते हैं। अगर हमें धोखा मिलता है, तो हमें उसकी रिपोर्ट करनी चाहिए। इससे न केवल हमारे पैसे वापस मिल सकते हैं, बल्कि यह भी हो सकता है कि उस ठग को सजा हो। इसलिए, हमें हमेशा अपने कंज्यूमर राइट्स का उपयोग करना चाहिए, ताकि हमारी सुरक्षा और हमारे हक की रक्षा हो सके।
कब और क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड कंज्यूमर डे ?
15 मार्च, 1983 को वो खास दिन आया, जब पहली बार यह अनमोल दिन मनाया गया। उस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन फिट्जगेराल्ड कैनेडी ने अपने संबोधन में उपभोक्ता अधिकारों के महत्व को उजागर किया।
उपभोक्ता के हक
जब आप एक उपभोक्ता होते हैं, तो आपके पास कई हक होते हैं। ये हक आपको संरक्षित और सुरक्षित रखने का आश्वासन देते हैं। आपके हकों में शामिल हैं उत्पाद की गुणवत्ता और सेवाओं की गुणवत्ता का हक, मूल्य और मानकों का हक, उत्पादों और सेवाओं के संबंध में सही जानकारी का हक, उत्पादों और सेवाओं की सुरक्षा का हक, शिकायत करने का हक, और उत्पादों और सेवाओं की सही जानकारी का हक। इन हकों का पालन करने से आप स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सकते हैं और खरीदारी के समय आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं।
सुरक्षा का अधिकार Right to Safety:
सुरक्षा का हक उन्हें दिया जाता है ताकि उपभोक्ता सुनिश्चित कर सकें कि वे खरीदी की गई वस्तुओं और सेवाओं से किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है। उपभोक्ता को यहाँ तक कि अपने जीवन और स्वास्थ्य को बचाने का अधिकार होता है, ताकि वे खुद को हानिकारक वस्तुओं या सेवाओं से दूर रख सकें। इससे उपभोक्ता का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह खरीदारी के प्रति आत्मविश्वासपूर्ण होता है।
सुरक्षा का अधिकार उन्हें दिया जाता है जो उत्पादों और सेवाओं की खरीदारी करते हैं, ताकि उन्हें खतरे से बचाया जा सके। यह हक उन्हें सुरक्षित और स्वास्थ्यपूर्ण वस्तुओं और सेवाओं का आनंद लेने का मौका देता है। अर्थात, खरीदारी करने वाले को डरने की जरूरत नहीं है कि कोई वस्तु उनके लिए हानिकारक हो सकती है। यह हक उन्हें आत्मविश्वास देता है कि उनके खरीदे गए उत्पादों और सेवाओं में किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है।
चुनने का अधिकार Right to Choose:
चुनने का अधिकार उन्हें दिया जाता है जो खरीदारी करते हैं, ताकि वे अपनी पसंद के अनुसार उत्पाद चुन सकें। यह हक उन्हें गुणवत्ता, मूल्य, आकार, ब्रांड आदि के संदर्भ में विभिन्न विकल्पों के बीच चयन करने की स्वतंत्रता देता है। इससे उपभोक्ता को बेहतरीन उत्पाद और सेवाओं की विविधता का लाभ मिलता है और वह अपनी जरूरतों और पसंदों के अनुसार सही विकल्प चुन सकता है।
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार Right to Consumer Education:
उपभोक्ता शिक्षा का हक उन्हें दिया जाता है ताकि वे जीवनभर एक सूचित और जागरूक उपभोक्ता बन सकें। यह हक उन्हें अपने अधिकारों, नियमों और कानूनों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर देता है। उपभोक्ताओं को इसे उनके दैनिक जीवन में सही तरीके से लागू करने की सीख देता है, जिससे वे शोषण से बच सकें और अपने हक का प्रयोग कर सकें। इससे उन्हें स्वतंत्रता और समृद्धि की ओर एक स्वयंसेवी और सक्षम राह दिखाई जाती है।
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