Gidhaur/Jamui। बिक्की कुमार की रिर्पोट। गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत मौरा पंचायत के मौरा मध्य विद्यालय में रविवार को नदी बचाओ पर्यावरण बचाओ संरक्षण समिति जमुई के बैनर तले बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में मुख्य रूप से बिहार सरकार द्वारा हो रहे बालू खनन को रोकने तथा नियमावली के अंदर खनन करने पर जोर दिया गया था। साथ ही मौरा बालू घाट पर होने वाले बालू खनन को पूर्ण रूप से बंद करने की मांग रखी गई है।बैठक में बताया गया कि 15 जुलाई 2024 को जमुई खनन विभाग द्वारा मौरा बालू घाट के विषय पर जनता की राय के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी। जो बैठक गिद्धौर प्रखंड कार्यालय के सभागार भवन में हुई। इस बैठक के बारे में स्थानीय लोगों को कोई सूचना नहीं दी गई। बैठक बिल्कुल गोपनीय तरीके से की गई। संवेदक और उनके मुंशी मैनेजर के उपस्थिति में बैठक हुई। उस बैठक में संवेदक तथा पदाधिकारी के मेल से अपने अपने मुताबिक फैसले लिए गए। जिसमें लाभान्वित राजस्व ग्राम के ग्रामीणों को सम्मिलित नहीं किया गया। जिसका विरोध बैठक में सभी किसानों ने किया।

गिद्धौर प्रखंड कार्यालय में 15 जुलाई 2024 को हुई थी लास्ट मीटिंग

आप को बता दें गिद्धौर प्रखंड में 15 जुलाई 2024 को एक बैठक किया गया था और उस बैठक में सरकार द्धारा लिए गए फैशले और उसमें लिए इस फैसलों को निरस्त किया जाए। साथ ही बैठक को पुनःआयोजित कर लाभान्वित राजस्व ग्राम को सम्मिलित की जाए। वही किसानों के द्वारा मौरा बालू घाट पर 2017 से ही अपनी सिंचाई व्यवस्था को बचाने के लिए लगातार आंदोलन किया जा रहा है। जिस आंदोलन के कारण उच्च न्यायालय के केस सं – सीडबलूजेसी 8325/2018 कुणाल कुमार बनाम बिहार सरकार शिकायत दर्ज कराई गई थी। उस समय उच्च न्यायालय पटना के आदेश पर मौरा बालू घाट पर किसानों के हित को देखते हुए खनन कार्य पर रोक लगा दी गई थी। परंतु पुनः सरकार द्वारा इस बालू घाट पर संविदा कर खनन करने की अनुमति देने से सभी किसान परेशान हैं। इस खनन के कारण कई जीवित सिंचाई पईन समाप्त हो जाएगी। इस बालू खनन के कारण प्रधानचक जीतझीगोय,चौकाठिया हरदीमोह, निजुवारा,धोबघट,सिमरिया, पूर्वीकोलहुआ,मौरा सहित दर्जनों गांव के किसानों के खेतों का पटवन हेतु सिंचाई नाला का मुहाना है, जहां इस बालू उठाव से लाखों हेक्टेयर भूमि बंजर हो जाएगी। मौके पर उपस्थित सभी किसानों ने मौरा बालू घाट को पूर्ण रूप से बंद करने की मांग रखी साथ ही उपस्थित सभी लोगों ने नियमावली के विपरीत इस खनन पर रोक लगाने की मांग की है। और इस मौके पर झाझा विधानसभा से राजद के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र यादव ने कहा है की सरकार के द्वारा लगातार हो रहे इस अवैध खनन को कराया जा रहा है। जिसके कारण किसानों की खेतिहर भूमि बंजर यानी नष्ट हो रही है। सरकार को मानव बल के द्वारा बालू खनन कराया जाना चाहिए। वही मौके पर किसान नेता कुणाल सिंह सहित नदी बचाओ आंदोलन के सदस्य राहुल कुमार, विवेक कुमार,शैलेश भारद्वाज सहित सैकड़ों लोगों ने सरकार के खिलाफ नारा लगाया और अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की। बैठक की अध्यक्षता झाझा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र यादव के द्वारा की गई तथा मंच संचालन गिद्धौर प्रखंड के पूर्व प्रमुख श्रवण कुमार यादव ने की।समाजसेवी सूर्या वत्स ने कहा की सरकार नियम के विपरीत पूरे जिले में बालू खनन कर लगभग 200 लोगों की जान जमुई जिले में ले चुकी है। आने वाले समय में अगर बालू खनन नहीं रुकती है तो इसी प्रकार से गरीबों की जान जाते रहेगी। युवा समाजसेवी अजीत झा ने कहा की मौरा में बालू का उठाव अब नहीं होने देंगे। संगठन ने यह निर्णय लिया है कि आने वाले समय में आंदोलन को तेज किया जाए। बैठक में अशोक सिंह,राजेंद्र यादव,जयनंदन यादव, बिंदु यादव, अंतर्यामी झा,अभय कुमार यादव,राधेश्याम यादव, अशोक यादव,श्याम सुंदर यादव, राजेंद्र यादव,मोइन अंसारी, नंदकिशोर सिंह,मिथिलेश कुमार, अनिल कुमार रावत सहित सैकड़ो किसान व ग्रामीण मौजूद थे।

गिद्धौर
मौरा बालू घाट को पूर्ण रूप से बंद करने को लेकर बैठक

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