BPSC 70th Re-Exam: बिहार की धरती ने हमेशा से शिक्षा और प्रतिभा का एक अनोखा इतिहास लिखा है। यहाँ के युवा, चाहे वे गाँव के हों या शहर के, अपने सपनों को साकार करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं। इसी जुनून और लगन का सबसे बड़ा उदाहरण है BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) की परीक्षाएँ।

इस बार की 70वीं BPSC परीक्षा केवल एक परीक्षा नहीं, बल्कि हजारों युवाओं के संघर्ष की एक कहानी है। हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन इसमें सफल वही होते हैं, जिनके पास संयम, मेहनत और जुनून होता है।

बिहार में संघर्ष की दास्तां

बिहार का हर कोना सपने देखने वाले युवाओं से भरा हुआ है। गाँव की टूटी हुई सड़कों से लेकर शहरों के कोचिंग संस्थानों तक, हर जगह आपको BPSC की तैयारी में जुटे छात्र आपको मिल ही जाएंगे।

बिहार
बीपीएससी परीक्षा कैंसल करने के लिए आंदोलन करते हुए अभ्यर्थी

रातों की नींद छोड़कर पढ़ाई करना।

आर्थिक तंगी के बावजूद भी किताबें खरीदना।
बिजली और इंटरनेट की कमी के बावजूद भी गाँव में पढ़ाई जारी रखना। यह केवल तैयारी नहीं, बल्कि एक परीक्षा से पहले की परीक्षा है।

बिहार के युवाओं की सपनों की उड़ान

70वीं BPSC परीक्षा उन लाखों युवाओं के लिए एक अवसर है, जो अपने परिवार, गाँव और समाज के लिए कुछ बड़ा करना चाहते हैं।

कोई अपने माता-पिता का सपना पूरा करना चाहता है।
कोई अपने भाई-बहन को बेहतर शिक्षा दिलाने का सपना देखता है।

तो कोई समाज में बदलाव लाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहता है।

सभी तथ्यों की बात

70वीं BPSC परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों की संख्या लाखों में थी, लेकिन चयनित सीटें सीमित हैं।

विज्ञापित पदों की संख्या: 500 से कम।
प्रारंभिक परीक्षा: लाखों ने दी।
मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार: केवल कुछ हजार ही पहुंचेंगे।

बता दें कि,बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा, जो कि 13 दिसंबर 2024 को आयोजित हुई थी, सभी अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर थी। इस परीक्षा में प्रदेश के 925 केंद्रों पर लगभग 3,25,000 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। हालांकि, पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र वितरण में देरी और अव्यवस्था की खबरें सामने आईं, जिससे परीक्षा की विश्वसनीयता पर खूब सवाल उठे।

अभ्यर्थियों का आरोप था कि प्रश्न पत्र लीक हुए हैं, जिससे उनकी मेहनत और भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इन आरोपों के बाद, BPSC ने बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा को रद्द कर 4 जनवरी 2025 को पुनर्परीक्षा आयोजित की। इस पुनर्परीक्षा में 12,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया और परीक्षा को बहुत आसान बताया।

इन घटनाओं ने अभ्यर्थियों के मन में एक गहरी निराशा और असुरक्षा उत्पन्न की है। वे दिन-रात मेहनत कर अपने सपनों को साकार करने की कोशिश में लगे रहते हैं, लेकिन ऐसी अनियमितताओं से उनका मनोबल टूटता है। सरकार और आयोग की जिम्मेदारी है कि वे परीक्षा प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करें, ताकि अभ्यर्थियों का विश्वास बहाल हो सके और वे अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त महसूस करें। इसी को लेकर आज कई दिनों से दुबारा एग्जाम कराने के मांग को लेकर सभी बीपीएससी अभ्यर्थियों ने अपने हक के लिए लगातार आंदोलन कर रहे है और इसमें एक अभ्यर्थी ने अपनी जान भी दे दी लेकिन सत्ता में बैठे हुक्मरानों या बोले शासन और प्रशान चैन की निंद में सो रहे है।

सफलता की कहानी

BPSC केवल एक नौकरी नहीं है, यह एक जिम्मेदारी है। जो इस परीक्षा में सफल होते हैं, वे न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे राज्य के लिए मिसाल बनते हैं।

सफल अभ्यर्थियों की कहानियाँ: कोई किसान का बेटा है, तो कोई रिक्शा चालक का।
उनके संघर्ष ने यह साबित किया है कि मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है।

हमारे युवाओं के लिए संदेश

70वीं BPSC परीक्षा केवल एक परीक्षा नहीं है, यह एक यादगार सफर है। यह हमें सिखाती है कि असली सफलता केवल मेहनत, संयम और समर्पण से मिलती है।
अगर इस बार सफल न हो पाए, तो निराश न हों। हर असफलता आपको अगली बार और मजबूत बनाती है।

अंत में संघर्ष को सलाम

बिहार के युवाओं की मेहनत और संघर्ष को सलाम। यह परीक्षा ओर संघर्ष केवल आपके सपनों की कहानी नहीं है, बल्कि एक ऐसा रास्ता है जो आपको खुद पर विश्वास करना सिखाता है।

70वीं BPSC परीक्षा का हिस्सा बनकर आप यह साबित कर रहे हैं कि बिहार का हर युवा अपने सपनों को साकार करने की क्षमता रखता है।

“सपनों का पीछा करो, क्योंकि जब आप मेहनत करते हो, तो सफलता खुद आपके कदम चूमती है।”

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