AVN News Desk New Delhi: सीएए (CAA) को लेकर लोकसभा चुनाव में सियासी वार-पलटवार के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने इसके तहत नागरिकता प्रमाण पत्र का वितरण शुरू कर दिया है। इस कानून के तहत बुधवार को पहली बार केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने दिल्ली में 14 शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपा है। इसके साथ ही देश भर के करीब 31 हजार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का सिलसिला भी अब शुरू हो गया है।
वही गौरतलब यह है कि लोकसभा चुनाव में सीएए (CAA) एक बड़ा मुद्दा है। और विपक्षी गठबंधन में शामिल दल न सिर्फ इसका तीखा विरोध कर रहे हैं, बल्कि सत्ता में आने पर इस कानून को खत्म करने का वादा भी कर रहे हैं। वही दूसरी ओर बीजेपी सीएए (CAA) का विरोध करने वाले दलों को हिंदू विरोधी बता कर लगातार पलटवार कर रही है। पार्टी नेता विपक्ष पर मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने का आरोप भी लगा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के बीच सीएए वादा किया पूरा
बीजेपी ने इस बार के अपने घोषणा पत्र में सीएए का वादा किया था। करीब दो महीने पहले कानून लागू होने के बाद शरणार्थियों को नागरिकता देने का सिलसिला अब शुरू कर बीजेपी ने बीच चुनाव में ही अपना वादा पूरा कर दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) इस साल 11 मार्च को देश में लागू हो गया था। और नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। बाद में इस विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन भी मिल गया था। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी।
सीएए को बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में अधिनियमित किया गया था, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए थे। नागरिकता अधिनियम में देशीयकरण द्वारा नागरिकता का प्रावधान किया गया है। आवेदक को पिछले 12 महीनों के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी साल 11 महीने भारत में रहना चाहिए। कानून में छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) और तीन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से संबंधित व्यक्तियों के लिए 11 वर्ष की जगह छह वर्ष तक का समय है।

वही कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों का पंजीकरण रद्द भी किया जा सकता है।
ऐसे मिलेगी भारतीय नागरिकता
वही इस कानून के तहत भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए www.indiancitizenshiponline.nic.in वेबसाइट पर जाना होगा. और इसके अलावा CAA-2019 नाम की ऐप के जरिए भी अप्लाई किया जा सकता है. वही नागरिकता के लिए 29 दस्तावेजों की जरूरत होगी. और इनमें से नौ दस्तावेजों से साबित होगा कि आप पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान के नागरिक हैं. और जबकि, बाकी के 20 दस्तावेज इस बात का सबूत होंगे कि आपने किस तारीख को भारत में प्रवेश किया है.
और ऑनलाइन आवेदन करने के बाद फॉर्म की जांच जिला स्तर की समिति करेगी. और इसके बाद ये समिति आवेदक को ईमेल/एसएमएस के माध्यम से तारीख और समय के बारे में सूचित करेगी, जिस दिन उसे मूल दस्तावेजों के साथ व्यक्तिगत रूप से आना होगा. और यदि सभी दस्तावेज ठीक हैं, तो नामित अधिकारी ऑनलाइन प्रमाणित करेगा कि कागजात सत्यापित हैं. वही जिला समिति निष्ठा की शपथ भी अपलोड करेगी और आवेदन को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सशक्त पैनल को भेजेगी. और पैनल फिर से मामले की जांच करेगा और आवेदन को मंजूरी या अस्वीकार करेगा. वही सबसे आखिरी में आवेदन को नागरिकता का सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. जिन लोगों को नागरिकता दी जाएगी, उन्हें भारत में प्रवेश की तारीख से भारतीय नागरिक माना जाएगा.