Big action by Home Ministry : गृह मंत्रालय ने बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल नितिन अग्रवाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है और उन्हें पद से हटा दिया गया है. वहीं, बीएसएफ (BSF ) के स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया को भी हटाकर ओडिशा कैडर में वापस भेज दिया गया है. और जबकि नितिन अग्रवाल को उनके मूल कैडर केरल में वापस भेज दिया गया है. गृह मंत्रालय ने इस कदम को समयपूर्व प्रत्यावर्तन (Premature repatriation) कहा है.

जम्मू-कश्मीर में बीते एक साल में बढ़ी लगातार घुसपैठ

वही माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में पिछले 1 साल से हो रही लगातार आतंकियों (Terrorists) की घुसपैठ डीजी बीएसएफ (BSF) और स्पेशल डीजी बीएसएफ को हटाने की यह मुख्य वजह है.

वही जम्मू कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ को लेकर भारत सरकार का यह सबसे बड़ा प्रशासनिक एक्शन है, जिसकी गाज आज वरिष्ठतम अधिकारियों पर गिरी है.

गृह मंत्रालय

पंजाब सेक्टर में भी बढ़ रहे हैं लगातार घुसपैठ के मामले

इसके अलावा पंजाब सेक्टर से लगातार हो रही आतंकी घुसपैठ (Terrorist infiltration) को प्रभावशाली ढंग से काबू ना कर पाना भी इस एक्शन की बड़ी वजह मानी जा रही है. वही पिछले कई सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब 2 वरिष्ठतम अधिकारियों को इस तरीके से हटाया गया है, जो कि किसी अर्ध सैनिक बलों को लीड कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक जल्द ही नए अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाएगी.

बता दें कि डीजी बीएसएफ नितिन अग्रवाल 1989 बैच के केरल कैडर के एक अधिकारी हैं, जबकि खुरानिया 1990 बैच के ओडिशा कैडर के एक अधिकारी हैं. वही नितिन अग्रवाल ने पिछले साल जून में सीमा सुरक्षा बल प्रमुख का पदभार संभाला था. वहीं, खुरानिया विशेष महानिदेशक (पश्चिम) के रूप में पाकिस्तान सीमा (Pakistan Border) पर फोर्स के गठन का नेतृत्व कर रहे थे.

कौन हैं नितिन अग्रवाल और वाइबी खुरानिया?

नितिन अग्रवाल 1989 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं। उन्होंने पिछले साल जून में बीएसएफ प्रमुख का पदभार संभाला था। उनकी नियुक्ति 2026 तक के लिए थी, लेकिन अब उन्हें उनके कार्यकाल से पहले ही हटा दिया गया है। वहीं, वाईबी खुरानिया 1990 बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी हैं और वह पाकिस्तान सीमा पर विशेष निदेशक जनरल (पश्चिम) के रूप में सीमा सुरक्षा बल का नेतृत्व कर रहे थे।

गृह मंत्रालय ने कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा जारी आदेश

वही कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा जारी अलग-अलग आदेशों में कहा गया है कि उन्हें “तत्काल प्रभाव से” “समय से पहले” वापस भेजा जा रहा है. आप को बता दें कि लगभग 2.65 लाख कर्मियों वाला बीएसएफ पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमाओं की रक्षा करता है.

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