भारत ने सिंगापुर से अपने विशेष संबंधों को देखते हुए चावल निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है (Rice Export TO Singapore) . पिछले महीने भारत ने सभी गैर-बासमती चावल के निर्यात (Export) पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी, जिसके बाद विश्व में चावल की कीमतों में वृद्धि (Increase in prices ) हो गई थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि सिंगापुर को चावल निर्यात की अनुमति देने वाले औपचारिक आदेश जल्द ही जारी किया जाएगा.
इसके साथ ही अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा भारत और सिंगापुर (Singapore ) के बीच घनिष्ठ (Intimate) आर्थिक संबंध हैं और दोनों देशों के बीच मजबूत जुड़ाव है. उन्होंने आगे जानकारी दी कि दोनों देशों के बीच विशेष रिश्ते को देखते हुए भारत ने सिंगापुर (Singapore) की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चावल निर्यात (Export) की अनुमति देने का फैसला किया है.
सिंगापुर ने जून में की थी चावल की मांग
आप को बता दें भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक ( India is the world’s largest rice exporter) है. पिछले साल सिंगापुर के चावल आयात का लगभग 40 प्रतिशत (40%) हिस्सा भारत का था. इससे पहले सिंगापुर, इंडोनेशिया (Indonesia) और फिलीपींस (Philippines) ने फिर से निर्यात (Export) करने की अपील की थी. वहीं जून 2023 (June 2023) में सिंगापुर ने भारत से 1 लाख 10 हजार टन चावल मांगा था. इंडोनेशिया (Indonesia) ने भारत से 10 लाख टन (1 million tonnes) चावल की मांग की थी.
क्या भारत के संपर्क में था सिंगापुर
आप को बता दें कि भारत ने जुलाई में घरेलू आपूर्ति (Household Supplies) बढ़ाने और खुदरा कीमतों को काबू में रखने के लिए गैर-बासमती चावल (Non-basmati rice) के निर्यात पर प्रतिबंध (Export restrictions) लगा दिया था. बीते कुछ महीनों से सिंगापुर चावल निर्यात पर प्रतिबंध से छूट पाने (Exempt from ban) के लिए भारत से बातचीत कर रहा था. बीते दिनों सिंगापुर खाद्य एजेंसी (Singapore Food Agency) ने अपने बयान में कहा था कि वह अलग-अलग सोर्स से चावल की विभिन्न किस्मों को आयात बढ़ाने के बढ़ाने को लेकर काम कर रहा है. इसके साथ ही कहा गया था कि इसके लिए सिंगापुर भारतीय अधिकारियों (Singapore Indian officials) के संपर्क में है.