एवीएन न्यूज डेस्क यूपी: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में साल 2025 में महाकुंभ लगना है. इसको लेकर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार तैयारियों में जुटी हुई है. सड़क निर्माण का काम भी काफी तेजी से चल रहा है. और इसी कड़ी में टोंस नदी पर पुल निर्माण कराया गया है. इसका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया था. मगर, कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिससे निर्माण कार्य पर बडा सवाल खड़े हो गए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पुल का ऑनलाइन उद्घाटन किया ही था. हैरानी वाली बात ये है कि उद्घाटन के मजह 24 घंटे के भीतर ही 66 करोड़ रुपये की लगत से बने पुल में दरारें आ गईं है. और इसकी तस्वीरें सामने आईं तो सरकार में हड़कंप मच गया.
यमुनापार इलाके में तमसा नदी पर 67 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल में दरार आने और आवागमन रोके जाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसा है। पिछले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3357 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण किया था, जिसमें यह पुल भी शामिल था। उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित तहसील बारा, मेजा और कोरांव को मध्य प्रदेश से जोड़ने के लिए इस पुल का निर्माण कराया गया था। हालांकि, पुल चालू हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि इसमें दरारें पड़ गईं।
वहीं, पुल पर दरार आने का मुद्दा जब गरमाया तो सेतु निगम की टीम ने मंगलवार को दो घंटे के लिए पुल पर आवागमन (यातायात) रोककर वहां पर मिट्टी डाली और रोलर चलाया गया, जिसके बाद यातायात शुरू कर दिया गया है। और आप को बता दें कि यह खबर सोसल मीडिया और कुछ बड़े रिपोर्टर के रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है.
इस पुल के निर्माण को 2019 में स्वीकृति मिली थी। 2021 में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा इसकी आधारशिला रखी गई थी। यह पुल शंकरगढ़, नारीबारी, चाकघाट, रीवा, जारी, खीरी, कोरांव, मेजा, मांडा एवं मिर्जापुर सहित दो राज्य एवं तीन जिलों को जोड़ता है। इस पुल से लगभग ढाई सौ गांव के लोग लाभान्वित (Benefited From) होते हैं।
उद्घाटन के बाद इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। फिलहाल इस पूरे मामले में शासन और प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि शीघ्र ही टेक्निकल टीम इसकी जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा शासन ने मुख्य परियोजना प्रबंधक मनोज अग्रवाल से रिपोर्ट भी मांगी है।
भ्रष्टाचार के कमजोर स्तंभों पर कैसे बन सकते मजबूत पुल : अखिलेश यादव
मामले को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स “X” पर लिखा है- प्रयागराज में मुख्यमंत्री जी द्वारा उद्घाटित (Inaugurated) पुल का 10 घंटे में ही दरक जाना एक गंभीर विषय है, जबकि कुंभ 2025 मेले का समय पास आता जा रहा है। भ्रष्टाचार के कमजोर स्तंभों पर मजबूत पुल कैसे बन सकते हैं? गुजरात में भी ऐसा ही हुआ था। जन-जीवन की सुरक्षा के लिए आग्रह है, ‘गुजरात का विकास मॉडल’ यहां न लगाया जाए।
उच्चाधिकारियों ने परखा तक नहीं है
इस पूरे मामले में जिम्मेदार उच्चाधिकारियों की भी बड़ी लापरवाही बराबर कि रही। पुल का निर्माण होने के बाद उच्चाधिकारियों ने इसकी गुणवत्ता को परखना तक जरूरी नहीं समझा। हालांकि, मुख्यमंत्री के हाथों इसका लोकार्पण जरूर करा दिया गया है। इस तरह की लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती थी।
अधिकारी क्या कहते हैं
पुल अभी लेवल पर नहीं आया है, इसलिए इसमें दरार नजर आ रही है। मंगलवार को दो घंटे के लिए पुल पर आवागम यानी यातायात बंद करके इसे मिट्टी डालकर लेवल किया गया है। अगले महीने भी कुछ दरारें देखने को मिल सकती हैं। यह दरारें मिट्टी बैठने के कारण आती हैं। – मनोज अग्रवाल, मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम, प्रयागराज