AVN News Desk Patna Bihar: जमुई में जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे राजनीतिक गर्माया हुआ है, इसी कड़ी में आप को बताते चलें कि जमुई में बीते 10 सालों से चिराग पासवान की सीट है लेकिन अब 2024 के चुनाव में चिराग पासवान ने इस सीट से अपने बहनोई अरुण भारती को उतारा है. वही अरुण भारती के लिए यह पहला चुनाव होगा. वैसे तो अरुण पेशे से बिजनेस मैन हैं, उन्होंने इंग्लैंड से एमबीए (MBA) की डिग्री हासिल की है. हालांकि उनका परिवार राजनीति में सक्रिय रहा है. अरुण भारती की मां डॉक्टर ज्योति बिहार सरकार में मंत्री रही है, दो बार विधायक और दो बार विधान पार्षद भी रह चुकी हैं.
अरुण भारती के सामने चुनावी मैदान में महागठबंधन की ओर से राजद का प्रत्याशी से होगा. वही राजद ने अरुण भारती के सामने अर्चना रविदास को चुनावी मैदान में उतारा है. अर्चना कुमारी रविदास पोस्ट ग्रेजुएट हैं, अरुण भारती की तरह ही अर्चना भी पहली बार ही चुनावी मैदान में उतरी हैं. जमुई एससी आरक्षित सीट है यहां कुल 6 विधानसभा की सीटें हैं. वही इन सीटों में तारापुर, शेखपुरा, सिकंदरा, जमुई, झाझा, चकाई शामिल है.
तारापुर से राजीव सिंह जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के विधायक हैं. शेखपुरा में राजद (राष्ट्रीय जनता दल) का कब्जा है वहां से विजय यादव विधायक है. सिकंदरा से हम यानी जीतनराम मांझी के प्रफुल्ल मांझी,जमुई से बीजेपी की श्रेयसी सिंह विधायक हैं. आप को बता दें श्रेयसी सिंह स्पोर्ट्स वुमन हैं उन्होंने निशानेबाजी में कई पदक देश के लिए जीते हैं. वही श्रेयसी दिग्गज नेता दिग्गविजय सिंह की बेटी है. झाझा विधानसभा सीट पर जदयू (JDU ) का कब्जा है यहां से दामोदर रावत विधायक हैं. वहीं चकाई विधानसभा से सुमित सिंह निर्दलीय विधायक हैं.
जमुई लोकसभा के जातीय समीकरण पर अगर नजर डालें तो यहां यादव, पासवान और राजपूत वोट सबसे अधिक है और ये वोटर यहां पर निर्णायक भूमिका में है.
वही जमुई लोकसभा क्षेत्र के इतिहास पर एक नजर डालें तो जमुई में लोकसभा चुनाव 1952 में शुरु हो गए थे जो 1971 तक चला लेकिन 1977 से लोकर 2004 के लोकसभा चुनाव तक ये सीट अस्तित्व में नहीं था. जब 2009 में जमुई लोकसभा में चुनाव फिर से शुरु हुए और जदयू के भूदेव चौधरी सांसद बने जबकि 2014 और 2019 में गठबंधन में ये सीट लोजपा को गया और चिराग पासवान सांसद बने थे.
1952 के लोकसभा चुनाव में जमुई से कांग्रेस पार्टी के बनारसी प्रसाद सिंह जीते थे. जिसके बाद के दो चुनावों में भी कांग्रेस पार्टी ने जमुई में अपना परचम लहराया था. 1962 और 1967 के चुनाव में जमुई से नयन तारा दास कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीते थे.1971 के चुनाव में जमुई में भोला मांझी ने कांग्रेस पार्टी के जीत को रोका, भोला मांझी ने भारतीय कम्युनिष्ठ पार्टी से जीत हासिल की थी.
जिसके बाद 1977 से 2004 में यह निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में नहीं रहा था.
2009 में जमुई में जदयू ने जीत दर्ज की और भूदेव चौधरी सांसद बने थे.
2014 और 2019 के चुनाव में चिराग पासवान ने लोजपा का परचम लहराया है.
अब वही चिराग पासवान 2024 के चुनाव में जमुई छोड़कर हाजीपुर से चुनाव लड़ने वाले हैं.
वहीं चिराग पासवान ने जमुई सीट पर इस बार अपने जीजा अरुण भारती को मौका दिया है. और वही राजद ने भी एम वाय वोटर्स को देखते हुए अर्चना रविदास को मैदान में उतारा है, अब देखना यह होगा कि जमुई की जनता किसे अपना समर्थन देगी और कौन दिल्ली पहुंचेगा. हालाकि, जमुई सीट से अर्चना रविदास को जिस प्रकार जन समर्थन मिला रहा है और जनता के बिच में काफ़ी पॉपुलर हो गई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जमुई जीत कर दिल्ली कोन पहुंचेगा।