AVN News Desk New Delhi: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार केंद्र में काबिज बीजेपी सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखा रही है। केंद्र सरकार पर आर्थिक अत्याचार और नाइंसाफी के आरोप लगाते हुए सीएम सिद्धारमैया की अगुवाई वाली कर्नाटक सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन की योजना बनाई है। मुख्य्मंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार समेत कर्नाटक के शीर्ष कांग्रेस पार्टी के नेता ‘चलो दिल्ली’ आह्वान के तहत दिल्ली पहुंच गए हैं। आज यानी बुधवार को कांग्रेस पार्टी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि केंद्र सरकार की नाइंसाफी और भेदभावपूर्ण नीतियों के कारण साल 2017-18 के बाद से अब तक कर्नाटक सरकार को 1.87 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का भारी नुकसान हुआ है।

कर्नाटक की कांग्रेस पार्टी सरकार का नारा- मेरा टैक्स मेरा अधिकार

इस विरोध प्रदर्शन की योजना के मुताबिक सात फरवरी को सुबह 11 बजे से कांग्रेस पार्टी जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू करेगी। कांग्रेस सरकार ने प्रदर्शन में शामिल होने वाले समर्थकों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुक्मरानों से सवाल पूछने की अपील भी की है। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि अनुदान देने में केंद्र सरकार कर्नाटक के साथ पूरी तरह से भेदभाव कर रही है। सिद्धारमैया सरकार ने सुविधाओं के प्रावधान में भी कर्नाटक के जनता के साथ अन्याय के आरोप लगा हैं। कांग्रेस पार्टी ने हैशटैग #मेरा टैक्स मेरा अधिकार का नारा देकर सोशल मीडिया पर भी इस प्रदर्शन को धार देने का भी प्रयास किया है।

बीजेपी और दूसरे दलों के विधायकों से भी एकजुट होकर विरोध की अपील की है

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा है कि उनका प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि, कर्नाटक के सभी विधायकों को पार्टी लाइन को भुलाकर इसमें भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ पूरी सरकार एकजुट होकर विरोध कर रही है। सभी को राज्य की भलाई के लिए मिलकर लड़ना ही होगा। संघ प्रणाली में राज्य की कांग्रेस पार्टी सरकार केंद्र सरकार के साथ सहयोग कर रही हैं। हम केंद्र के अनुचित व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाना इसी तरह जारी रखेंगे।

कोरोना महामारी में उचित मदद से वंचित रहा है कर्नाटक, किसानों की मदद के लिए भी अनुदान नहीं

कर्नाटक सरकार का आरोप है कि उन्हें कोरोना महामारी (COVID-19) से उपजे संकट के दौरान भी उचित राहत नहीं मिली थी। डीके शिवकुमार के मुताबिक भारी बारिश के दौरान प्रभावित हुए किसानों की मदद के लिए भी राज्य सरकार को अनुदान नहीं मिला था। भद्रा मेलदांडे परियोजना के लिए 5300 करोड़ रुपये अभी तक नहीं दिए गए। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी वित्तीय वितरण और सूखा राहत में भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ विरोध कर रही है।

केरल सरकार ने भी खोला मोर्चा

इसके अलावा, केरल के सीएम पिनाराई विजयन भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में केरल की एलडीएफ सरकार केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करेगी। कर्नाटक सरकार के साथ केरल सरकार ने भी दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल के मुताबिक, केंद्र सरकार के रवैये के कारण केरल खराब वित्तीय स्थिति से जूझ रहा है। बालगोपाल ने केंद्र पर केरल में वित्तीय कठिनाई पैदा करने के आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा, राज्य की सरकार चुप नहीं बैठेगी। ‘नवा केरल एम’ बनाने के लिए एकता से आग्रह किया है।
जिस तरह से कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार और कैरल की सीएम पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार का जो धरना प्रदर्शन का करने का फैसला लिया है इसे लगता है की केंद्र में काबिज सतारुढ़ी पार्टी बीजेपी की मुस्किले बढ़ने वाली है और उनके और अपने ही घर में विरधो का सामना करना पड़ेगा। बाकी देखते है और क्या क्या होता है क्या केंद्र सरकार इनकी मांगों को मानेगी क्योंकि मोदी जी भी आम चुनावों के आने से पहले रिस्क नहीं लेना चाहेंगे।

कर्नाटक
केरल के सीएम पिनाराई विजयन

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