AVN News Desk New Delhi: आम आदमी पार्टी को कुछ दिन पहले छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए चंडीगढ़ के तीन पार्षदों में से 2 ने फिर से घर वापसी कर ली है. दोनों ही पार्षद फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. पूनम देवी, गुरचरण काला और नेहा मुसावत ने 18 फरवरी को भाजपा का दामन थाम लिया था जिनमें से पूनम देवी और नेहा मुसावत ने फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले ये तीनों पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के साथ उनका पार्टी में स्वागत करते हुए कहा था कि पार्षदों को पूर्ण मान-सम्मान मिलेगा, उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी जाएगी.

आम आदमी पार्टी
पूनम देवी और नेहा मुसावत

आम आदमी पार्टी के पार्षद घर लोटे,भाजपा को यहां मिला था फायदा

तीन पार्षदों के पाला बदलने के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्षदों की संख्या नगर निगम में 20 से घटकर 17 रह गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट यानी सर्वोच्च न्यायालय ने मेयर चुनाव का फैसला इंडिया ब्लॉक के पक्ष में दिया था जिससे भाजपा को झटका लगा था. जिसके बाद ही वहां मेयर पद पर पहली बार INDIA ब्लॉक का मेयर बना था. लेकिन पार्षदों का पाला बदलने का फायदा बीजेपी को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में मिला था जहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर को लगाई थी फटकार

बीते 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था. इसमें कथित धांधली को लेकर कांग्रेस और AAP की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और बैलट पेपर सील करने का निर्देश दिया था. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था, ‘सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है उन्होंने (प्रिजाइडिंग ऑफिसर) ने मतपत्रों यानी वोट को खराब किया है. उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. यह लोकतंत्र का मजाक है. यह लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं’.

30 जनवरी को क्या हुआ मेयर चुनाव

30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सांसद किरण खेर के वोट डालने के बाद ही गिनती शुरू की गई. भाजपा के पक्ष में 16 वोट पड़े थे, जबकि कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी गठबंधन के पक्ष में कुल 20 वोट पड़े थे, लेकिन प्रिजाइडिंग ऑफिसर ने कथित रूप से उनके 8 वोट को रद्द कर दिए और 16 पार्षदों के समर्थन वाले भाजपा के जीत का ऐलान कर दिया. इसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी.

चंडीगढ़ मेयर चुनाव के प्रिजाइडिंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसमें वह बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखे थे. इसी वीडियो को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था.

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