AVN News Desk New Delhi: दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाला मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार फिर समन जारी कर दिया है। यह दूसरी बार है जब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने पेश होने के लिए दूसरी बार समन जारी किया है। ईडी ने समन में 21 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा है। इससे पहले बीती दो नवंबर को ईडी ने शराब घोटाला मामले में समन जारी कर बुलाया था। लेकिन विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम में व्यस्त होने की वजह से पेश नहीं हुए थे। नोटिस में उन्हें दो नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री को सीबीआई अप्रैल महीने में पूछताछ के लिए बुला चुकी है।
प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को समन क्यों भेजा था?
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अपनी चार्जशीट में कई बार सीएम अरविंद केजरीवाल के नाम का जिक्र किया है। अदालत में दायर आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 आप के शीर्ष नेताओं द्वारा बनाई गई थी, ताकि लगातार अवैध धन कमा कर और उसे अपने पास लाया जा सके। ईडी ने दावा किया है कि यह नीति अवैध और आपराधिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए जानबूझकर कमियों के साथ बनाई गई थी। एजेंसी ने आरोप पत्र में आरोपियों के साथ सीएम के घर पर बैठक से लेकर वीडियो कॉल तक की घटनाओं का भी उल्लेख किया है।
तो अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने क्यों पेश नहीं हुए?
ईडी के समन को नजरअंदाज करने से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय को एक जवाबी खत लिखा था। इस पत्र में केजरीवाल ने कहा है कि समन का नोटिस अवैध और राजनीति से प्रेरित है। नोटिस बीजेपी के इशारे पर भेजा गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा है कि नोटिस यह सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया है कि मैं चार राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए जाने में असमर्थ रहूं। ईडी को तुरंत नोटिस वापस लेना चाहिए।
आप (AAP) को खत्म करना केंद्र का मकसद: सौरभ भारद्वाज
दिल्ली मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि ये आम आदमी पार्टी को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की एक साजिश है। इसके लिए केंद्र कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। सरकार किसी भी तरीके से फर्जी केस बनाकर अरविंद केजरीवाल को बंद करना चाहती है और आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहती है।
क्या थी नई शराब नीति?
22 मार्च 2021 को दिल्ली के उस समय के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy) 2021-22 लागू कर दी गई थी. नई शराब नीति आने के बाद से सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई. और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई थी. नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में खूब बढ़ोतरी होगी.