AVN News Desk New Delhi: देश में लोकसभा चुनाव जोर सौर से चल रहा है। वही राजधानी दिल्ली में सिवील डिफेंस के मार्शल बेरोजगार है। जब दिल्ली सरकार और एलजी (Lieutenant Governor) को इनकी जरूरत थी तब तक तो इनका इस्तमाल किया लेकिन काम पूरा हो जाने के बाद उनको चाय में डूबे मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया। अब ये तमाम वॉलंटियर्स अपनी नौकरी बहाल किए जाने की मांग को लेकर धरने और हरेक मंच पर अपना आवाज़ पहुंचाने के लिए दर दर भटक रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार उन्हें दोबारा सिविल डिफेंस वॉलंटियर या होम गार्ड के रूप में नौकरी पर नहीं रखेगी, तब तक उनका प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा। नौकरी बहाली के लिए इनकी अगुवाई कर रहे कुछ लोग एलजी ऑफिस और सीएम ऑफिस के भी संपर्क में हैं। बस मार्शल सचिन , प्रेमजीत, संदीप भारद्वाज, सुनील ने कहा है कि हमारी सैलरी तो मिल गई है, लेकिन वो कब तक चलेगी। आज नहीं तो कल, पैसा खत्म हो जाएगा। उसके बाद हमारा घर कैसे चलेगा। सरकार ने पहले हमें नौकरी पर रखा और अब हमें अचानक हटा दिया है। हम किसी राजनीति का मोहरा नहीं बनना चाहते। हमें बस हमारी नौकरी वापस चाहिए। वो हम लेकर रहेंगे और तब तक हमारा ये प्रदर्शन जारी रहेगा। वही वॉलंटियर्स का कहना था कि अब इतने साल काम करने के बाद दूसरी जगह काम मिलना आसान नहीं होगा, क्योंकि कोई उम्र के पैमाने पर फिट नहीं बैठेगा, तो कोई क्वॉलिफिकेशन या फिजिकल टेस्ट में बाहर हो जाएगा। जब इतने सालों तक सरकार ने हमसे काम लिया है, तो आगे भी हमारा घर चलता रहे, इसकी चिंता सरकार को करनी चाहिए। इसीलिए बकाया सैलरी मिलने के बाद अब हम अपनी नौकरी के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
इस तरह काम करते हैं देश की राजधानी दिल्ली में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स
वही संविदा पर काम करने वाले मार्शलों को प्रतिदिन 844 रुपये का भुगतान किया जाता है। वैसे इनकी ड्यूटी 8 घंटे की है लेकिन ये 10 घंटे तक की भी ड्यूटी करते थे। डीटीसी और क्लस्टर बसों में मार्शल के रूप में करीब 8 हजार डिफेंस वालंटियर्स तैनात हैं। दिल्ली में सार्वजनिक बसों में महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए 2015 में दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा बस मार्शल योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स और होमगार्ड्स को बस मार्शलों के रूप में डीटीसी और क्लस्टर बसों में तैनात किया जाता है। राजस्व विभाग और होम गार्ड महानिदेशालय द्वारा इनकी भर्ती की जाती है। बस मार्शल के रूप में तैनाती के अलावा स्कूल, अस्पताल और यमुना के घाटों के अलावा कई बड़े आयोजनों के दौरान जरूरत के अनुसार इनकी तैनाती की जाती है। कोरोना काल के अलावा इसी साल यमुना में आई बाढ़ के दौरान भी सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स ने काफी अच्छा काम किया था।