AVN News Desk Patna Bihar : बिहार में लोकसभा सीटों को लेकर NDA में मंथन का दौर लगातार अभी जारी है. उधर, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को लेकर भी सियासी गलियारों में खूब अटकलों का दौर जारी है, क्योंकि चिराग पासवान ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार में हुई रैलियों से दूरी बनाकर रखी थी. इसी बीच चिराग पासवान ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हर पार्टी चाहती है कि वह (चिराग) उनके खेमे में रहें. साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने साफतौर पर इस बात के संकेत दिए हैं कि वह अपने विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि मैं यहां मीडियाकर्मियों की भीड़ देख रहा हूं, जो यह जानने के लिए बहुत उत्सुक है कि चिराग पासवान किसके साथ हैं. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चिराग पासवान केवल बिहार के लोगों बिहार के जनता के साथ हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी निष्ठा, उनकी तुलना भगवान राम से और खुद की तुलना भगवान हनुमान से की जाती है.

चिराग पासवान ने कहा है कि हर पार्टी, हर गठबंधन चाहता है कि चिराग पासवान उसके पक्ष में हों. उन्होंने कहा है कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि लोग उनके ”बिहार पहले बिहारी पहले” वाली नीति से काफी प्रभावित हैं, जो कि राज्य को पुराने पिछड़ेपन से बाहर निकालना चाहते हैं. अपने भाषण में उन्होंने खुद को “शेर का बेटा” कहते हुए अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया है.

“चिराग पासवान को डराया नहीं जा सकता”

इस रैली में चिराग पासवान ने एनडीए में हाल ही में शामिल हुए जेडीयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार और दिवंगत नेता रामविलास की पार्टी को विभाजित करने वाले केंद्रीय मंत्री और चाचा पशुपति कुमार पारस का नाम लेने से परहेज किया है. हालांकि चिराग पासवान ने उन “साजिशों” के बारे में खुलकर बात की है, जिनका उन्हें खूब सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा है कि जिनका उद्देश्य मेरे घर, मेरे परिवार और मेरी पार्टी को तोड़ना था, लेकिन मैंने यह साबित कर दिया है कि चिराग पासवान को डराया नहीं जा सकता.

बिहार
चिराग पासवान

बिहार में पशुपति पारस के खेमे ने फिर से ठोका हाजीपुर सीट पर दावा

उधर, भतीजे चिराग पासवान का आक्रामक रवैया चाचा पशुपति पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) को रास बिलकुल नहीं आया. उन्होंने साफतौर पर कहा है कि वह हाजीपुर सीट से ही फिर से चुनाव लड़ेंगे. आरएलजेपी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा है कि हाजीपुर या हमारी पार्टी की अन्य चार सीटों में से किसी को भी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है. हमें यकीन है कि बीजेपी हमारे दावे का सम्मान करेगी क्योंकि हम एनडीए के अहम सहयोगी हैं. (चिराग की पार्टी) को दूसरी तरफ से भी प्रस्ताव मिल रहा है, लेकिन कोई भी इस तरह के प्रलोभन के साथ हमारे पास आने की हिम्मत भी नहीं कर रहा है.

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एलजेपी अध्यक्ष पशुपति पारस

LJP (एलजेपी) ने 2019 में 6 सीटों पर लड़ा था चुनाव

2019 में एलजेपी ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उन सभी सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि पार्टी में फूट के बाद एलजेपी 2 धड़ों में बंट गई थी. बताया जा रहा है कि दोनों धड़ों को इस बार कम सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. इसके पीछे की एक बड़ी मुख्य वजह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाह के राष्ट्रीय लोक मोर्चा और पूर्व बिहार सीएम जीतन राम मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी एनडीए में शामिल होना है तभी से चिराग पासवान को सीटों को लेकर लगातार सस्पेंस बना हुआ है अब तो आने वाला समय ही बताएगा की बिहार के एनडीए घटक दल में क्या होगा.

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