AVN News Desk Patna Bihar: बिहार सरकार ने कई जिला खनिज विकास अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी है और इनसे जवाब मांगा है। कारण बस इतना ही है कि इन अधिकारियों ने राजस्व संग्रह के टारगेट को पूरा ही नहीं किया है। खनन विभाग का कहना है कि यह अधिकारी अपने खनन क्षेत्र से 2023-24 के लिए 3,590.66 करोड़ रुपये के अपने राजस्व लक्ष्य का लगभग 42 प्रतिशत ही हासिल कर पाए है। दिसंबर 2023 तक यह लोग केवल 1,500 करोड़ रुपये ही जमा करवा पाए हैं। यानी यह अधिकारी चालू वित्तीय वर्ष में अब तक अपने संबंधित क्षेत्रों में राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने में कथित रूप से विफल रहे हैं। इसलिए बिहार सरकार ने जहानाबाद, गया, मुंगेर, जमुई और औरंगाबाद के खनिज विकास अधिकारियों से राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने का स्पष्टीकरण भी मांगा है।
बिहार सरकार ने हर हाल में अवैध खनन पर नकेल कसने का आदेश
विभागीय सूत्रों की मानें तो अब तक लक्ष्य का केवल 42 प्रतिशत राजस्व संग्रह होने और अधिकांश जिलों का प्रदर्शन असंतोषजनक होने के कारण संबंधित अधिकारियों को माफिया द्वारा अवैध खनन, उनके परिवहन और भंडारण पर नकेल कसने के लिए कहा गया है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) परमार रवि मनुभाई ने मिडिया को बताया है कि संबंधित अधिकारियों को राजस्व संग्रह में तेजी लाने और चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कहा गया है। उनका वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
अवैध खनन में शामिल लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश
विभागीय सूत्रों के अनुसार, इन सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने लक्ष्यों को पूरा करें। कुछ को छोड़कर, सभी जिलों ने खराब प्रदर्शन किया है। गया, औरंगाबाद, मुंगेर और भागलपुर में विभिन्न निकायों राजस्व संग्रह भी संतोषजनक नहीं है। बिहार में अवैध खनन में शामिल लोगों पर कानूनी कार्रवाई शुरू करने और भारी जुर्माना लगाने का भी निर्देश दिया गया है।