AVN News,Arvinder Singh Lovely joins BJP: दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अरविंद सिंह लवली समेत पांच कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का कमल थाम लिया है। अरविंद सिंह लवली के अलावा राजकुमार चौहान, नीरज बसोया, अमित मलिक और नसीब सिंह भी बीजेपी में शामिल हो गए है। इन सभी को आज बीजेपी मुख्यालय में दिल्ली प्रदेश वीरेंद्र सचदेवा ने पार्टी में शामिल किया है। आप को बता दें कि 28 अप्रैल को ही अरविंद सिंह लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इन सभी का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा है कि जो व्यक्ति मूल रूप से दिल्ली को प्यार करता है वो कांग्रेस में नहीं रह सकता है। मैं उम्मीद करता हूं आगे अब हम सब मिलकर दिल्ली को संवारने का काम करेंगे। बीजेपी का दामन थामने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि मैं बीजेपी का शुक्रिया करना चाहता हूं पार्टी ने उस वक्त हमारा साथ दिया जब हम खोए-खोए घूम रहे थे। हम दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए वो सब करेंगे जो हमसे बन पड़ेगा। हम मोदी का हाथ और मजबूत करने का काम करेंगे।

दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के जाने पर क्या बोली कांग्रेस

अंतरिम दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने अरविंद सिंह लवली पर कहा है कि कांग्रेस ने उन्हें बच्चे की तरह पाला, तीन बार विधायक, मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बनाया। 2017 में चुनाव के दौरान धोखा दिया था, अब फिर से उन्होंने धोखा दिया है। ऐसे लोगो के जाने से इस विशाल पार्टी को कोई भी फर्क नहीं पड़ता है।

इस वजह से अरविंदर सिंह लवली थे कांग्रेस से नाराज

अरविंदर सिंह लवली दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन के खिलाफ थे। और इसके अलावा वह उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजकुमार चौहान को टिकट नहीं मिलने से भी नाराज थे। अरविंदर सिंह लवली ने मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर इस्तीफा भेजते हुए अपनी नाराजगी की वजह बताई थी।

अरविंदर सिंह लवली की चिट्ठी में लिखा था ये

वही अरविंदर सिंह लवली ने पत्र में लिखा, ‘दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है।’ अरविंदर सिंह लवली ने ये भी कहा था कि दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ तीन ही सीटें ही दी गईं। लवली इस बात को लेकर भी नाराज बताए जा रहे थे कि इन तीन सीटों में दो सीटें बाहरी व्यक्तियों को ही दे दी गईं।

दिल्ली
बीजेपी नेता अरविंदर सिंह लवली

1998 में गांधीनगर सीट से चुने गए थे विधायक

वही अरविंदर सिंह लवली के पॉलिटिकल करियर की बात करें तो वह कांग्रेस पार्टी की दिल्ली इकाई में सबसे खास नामों में से एक रहे हैं. एक दौर में अरविंदर सिंह लवली सबसे कम उम्र के विधायक भी थे, जब वह पहली बार 1998 में गांधी नगर सीट से दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए थे. वह साल 2015 तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे है. अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकारों में शहरी विकास और राजस्व मंत्रालय, शिक्षा और परिवहन जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग भी संभाल चूके है.

2019 लोकसभा चुनाव में गौतम गंभीर से मिली थी शिकस्त

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर (भारतीय जनता पार्टी) और आतिशी (आम आदमी पार्टी) के खिलाफ पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह इस चुनाव में वह गौतम गंभीर से से हार गए थे.

छात्र राजनीति से हुई लवली का पॉलिटिकल करियर की शुरुआत

वही दिल्ली में जन्मे और पले-बढ़े अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एसजीटीबी खालसा कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी. वह अपने कॉलेज के दौरान छात्र राजनीति में भी एक्टिव थे. बाद में, 1990 में, उन्हें दिल्ली युवा कांग्रेस में बतौर महासचिव चुना गया था, और फिर 1992 से 1996 तक नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के महासचिव के रूप में भी कार्य किया है.

30 साल कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे लवली

अरविंदर लवली करीब 30 साल से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए रहे. वह 2017 में भी कांग्रेस पार्टी से हाथ छुड़ा चुके हैं और उस दौरान अप्रैल 2017 में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन कुछ महीनों के बाद ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी में वापसी कर ली थी. तब उन्होंने कहा था कि, वह बीजेपी में ‘वैचारिक रूप से अनुपयुक्त’ हैं. और 2020 के दिल्ली चुनाव में, कांग्रेस पार्टी ने अरविंदर सिंह लवली को उनके विधानसभा क्षेत्र गांधी नगर से मैदान में उतारा था, जहां उनका मुकाबला बीजेपी के नवीन चौधरी (दीपू) और आप के मौजूदा विधायक अनिल बाजपेयी से हुआ था.

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