एवीएन न्यूज़ डेस्क न्यू दिल्ली: उत्तराखंड सुरंग बचाव अभियान में एक और बाधा आ गई है। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने कहा है कि दोपहर 2:45 बजे के बाद ड्रिलिंग ऑपरेशन रोक दिया गया है और विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई गई है।
रविवार सुबह से 40 मजदूर 4.5 किलोमीटर लंबी सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं, जब उत्तरकाशी के पास निर्माणाधीन संरचना का एक हिस्सा भूस्खलन (Landslide) के बाद ढह गया था।

पाइप धकेलने की गतिविधि रोक दी गई

राष्ट्रीय राजमार्ग ने कहा, “दोपहर करीब 2:45 बजे काम के निष्पादन के दौरान अधिकारियों और सुरंग के अंदर काम कर रही टीम को बड़े पैमाने पर क्रैकिंग की आवाज सुनाई दी, जिससे सुरंग में और साथ ही काम कर रही टीम में दहशत की स्थिति पैदा हो गई थी।” एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने एक बयान में कहा है, इस बात की प्रबल संभावना (Strong Possibility) है कि आगे भी गिरावट हो सकती है और तदनुसार पाइप धकेलने की गतिविधि रोक दी गई है।

बचावकर्मियों को फंसे हुए श्रमिकों के लिए भागने का मार्ग बनाने के लिए एक विशाल ड्रिल मशीन की मदद से 800 मिमी और 900 मिमी व्यास वाले पाइप डालने के लिए 60 मीटर तक ड्रिल करने की आवश्यकता है।

पांचवें पाइप की पोजिशनिंग यानी स्थिति निर्धारण का काम चल रहा था। बताया गया है कि मशीन ऊपर उठने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही थी और मशीन की बीयरिंग क्षतिग्रस्त हो गई थी। ऊपर उठने से बचने के लिए मशीन को एंकर द्वारा ठीक करने की योजना बनाई गई थी। कार्य को निष्पादित करने वाली विशेष एजेंसी द्वारा निर्णय लिया गया और सहमति व्यक्त की गई कि 900 मिमी व्यास वाले पाइप को आगे धकेलना तभी संभव होगा जब मशीन को पाइप के समान झुकाव के साथ रखा जाएगा, बयान में कहा गया है।

थाईलैंड और नॉर्वे की विशिष्ट (Specific) बचाव टीमें, जिनमें 2018 में थाईलैंड की एक गुफा में फंसे बच्चों को सफलतापूर्वक बचाने वाली टीम भी इस में शामिल है, चल रहे बचाव अभियान में सहायता के लिए बचाव दल में शामिल हो गई हैं।

एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ(SDRF), बीआरओ (BRO ) और आईटीबीपी (ITBP) सहित कई एजेंसियों के 165 कर्मियों द्वारा चौबीसों घंटे बचाव कार्य चलाया जा रहा है।

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