लोन’ और ‘लिमिट’ के जाल में उलझ रहे मुंबई के क्रेडिट कार्ड होल्डर, हर दिन 4 से 5 लोग हो रहे क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के शिकार every-day-4-to-5-people-become-victims-of-credit-card-fraud-due-to-cyber-crime-in-mumbai
Cyber Crime Mumbai: साइबर क्रिमिनल्स एक ही बार में मोटी रकम जुटाने के चक्कर में रहते हैं। क्रेडिट कार्डधारकों को अक्सर शिकार बनाते हैं। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, डेबिट कार्ड की तुलना में क्रेडिट कार्ड में औसतन लिमिट अधिक रहती है। यह दो से तीन लाख रुपये तक होता ही है।
Mumbai/AVN News: जेब में भले ही पैसे न हों, लेकिन आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड में भरपूर पैसे यानी डिजिटल मनी होती है। साइबर अपराधी इसी डिजिटल मनी को टारगेट कर लोगों को शिकार बनाते हैं। मुंबई में औसतन 4 से 5 लोग हर दिन क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के जरिए होने वाले फ्रॉड का शिकार बनते हैं। साइबर क्राइम की दुनिया में इसे कार्ड स्कैम कहा जाता है, जिसके जाल में मुंबई के लोग उलझ रहे हैं।
9 महीने में लगभग 890 केस दर्ज हुऐ:
मुंबई पुलिस के रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 9 महीने में क्रेडिट कार्ड से जुड़े 890 केस दर्ज हुए हैं, जबकि ओवरऑल 3309 मामले साइबर क्राइम में दर्ज हो चुके हैं। प्रति माह 99 मामले सिर्फ क्रेडिट कार्ड के दर्ज हुऐ हैं।
क्या कहते हैं एक्पर्ट:
साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि मुंबई पुलिस का यह डाटा एकतरफा है। इससे कहीं अधिक साइबर क्राइम के मामले घट रहे हैं, लेकिन पुलिस अपने हिसाब से डाटा जारी कर साइबर क्राइम के मामले को कम दिखाने का प्रयास करती है। औसतन 4 से 5 लोग रोजाना कार्ड फ्रॉड का शिकार बन रहे हैं। अब तक कुल 76 केस ही हल हुए हैं, जबकि 811 केस पेंडिंग में हैं।
कैसे होता हैं कार्ड फ्रॉड:
(1) फॉर्म भरवाने के बहाने:
जब लोग किसी जानकारी या मदद के लिए गूगल पर सर्च करते हैं, तो अक्सर हैकर्स के झांसे में कुछ लोग आ जाते हैं। हैकर्स ऐसे लोगों से पहले बात करते हैं, फिर एक फॉर्म भरवाते हैं। इस दौरान क्रेडिट या डेबिट कार्ड का नंबर, सीवीवी, आधार नंबर, यूपीआई नंबर भरवाते हैं। इससे हैकर्स आपके कार्ड का एक्सेस पा लेते हैं और आपके साथ फ्रॉड हो जाता है।
(2) रिमोट एक्सेस ऐप:
हैकर्स, बिजली बिल बकाया है या फिर आधार कार्ड का केवाईसी अपडेट नहीं हुआ है जैसे संदेश भेज कर शिकार वा अपने जाल में फसाते हैं और अपके मोबाइल पर संदिग्ध लिंक भेजते हैं, जिसमें क्विक सपोर्ट और एनी डेस्क नाम का ऐप होता है। इसे डाउनलोड कर 9 अंकों का कोड प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद हैकर्स के पास आपके मोबाइल का एक्सेस मिल जाता है। वे GooglePay, PhonePe और ऑनलाइन भुगतान के दौरान OTP, CVV, कार्ड का एक्स्पाइरी डेट, बैलेंस, नाम आदि हासिल कर आपके ही क्रेडिट कार्ड से पैसे निकाल लेते हैं। यहां तक की वे कार्ड से लोन भी ले लेते हैं।
अगर आपको बचना हैं, तो अपनाएं 4 सेफ्टी टिप्स:
- कार्ड से लेनदेन करते समय सावधानी बरतें।
- क्रेडिट कार्ड गुम या चोरी होते ही बैंक को जानकारी जरूर दें।
- डेबिट या क्रेडिट कार्ड को तुरंत ब्लॉक करवा दें।
- ऑनलाइन एफआईआर या शिकायत करते समय रेफरेंस नंबर या स्क्रीनशॉट ले कर रखें।
Note:
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By: KP
Edited by: KP
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