AVN News Desk New Delhi: कांग्रेस पार्टी जिस तरह से अपने पार्टी मैं फेरबदल कर रही है और अगले कुछ दिनों में राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी देने के बाद नए नेतृत्व पर दांव लगाएगी। पार्टी ने जिस तरह से इस बदलाव में उदयपुर चिंतन शिविर की योजनाओं और व्यवस्थाओं को लागू किया है उससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी युवाओं पर दांव लगाएगी।
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने अब रणनीतिक तौर पर कमर कस ली है। जिस तरीके से पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर व्यापक फेरबदल करते हुए बड़े-बड़े नेताओं को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं। उससे यही अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी और आक्रामक तरीके से अपने अन्य नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां देकर लोकसभा चुनाव के लिहाज से मजबूत फील्डिंग सजाएगी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने तय किया है जिन राज्यों में हाल में विधानसभा के चुनाव हुए हैं वहां नया नेतृत्व ही सियासत को आगे बढ़ाएगा और लोक सभा चुनाव जीतने में कामयाब होंगे। इसके लिए शुरुआत मध्य प्रदेश से हुई थी। लेकिन अब राजस्थान में भी जल्द ही इसका असर दिखना भी शुरू हो जाएगा। जिस तरह से पूर्व सीएम अशोक गहलोत को राष्ट्रीय गठबंधन और सचिन पायलट को प्रभारी महासचिव बनाया गया है उससे यह तय हो गया है कि अब राजस्थान में नया नेतृत्व मिलेगा। वहीं कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी अभी और भी कई बड़े फैसले ले सकती है।
क्या है कांग्रेस की नई जिम्मेदारियां
कांग्रेस की नई जिम्मेदारियां के साथ पार्टी ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि लोकसभा चुनाव में उनकी क्या रणनीति रहने वाली है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि जिस तरीके से सचिन पायलट को प्रभारी महासचिव बना कर छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है उससे स्पष्ट संकेत है कि सचिन पायलट का अब केंद्रीय राजनितिक पर इस्तेमाल किया जाना है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय गठबंधन समिति का हिस्सा भी बनाया गया है। वह भी संदेश है कि उनका राज्य से बाहर निकाल कर एक नई भूमिका में भेजा गया है। कांग्रेस पार्टी अगले कुछ दिनों में राजस्थान में इन दो नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी देने के बाद नए नेतृत्व पर दांव लगाएगी। इसके अलावा पार्टी ने जिस तरह से इस बदलाव में उदयपुर चिंतन शिविर की योजनाओं और व्यवस्थाओं को लागू किया है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी युवाओं पर दांव लगाएगी।
दरअसल कांग्रेस पार्टी ने जिस तरीके से पांच राज्यों में हुए चुनाव के नतीजे के बाद यह फेरबदल किए हैं वह पहले चरण के बदलाव माने जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर हुए इस बदलाव के बाद अब राज्यों में भी व्यापक फेरबदल की तैयारी चल रही है। शुरुआती दौर में राजस्थान के साथ कुछ अन्य राज्यों में भी राज्य कार्यकारिणी में फेरबदल किया जा सकता है। इसके अलावा कांग्रेस की कुछ अन्य महत्वपूर्ण विंग में भी बड़े स्तर पर बदलाव का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसमें न सिर्फ युवक कांग्रेस और महिला सभा भी शामिल है। हालांकि इन सभी संगठनों में बड़े स्तर पर कब तक बदलाव होंगे इसकी भी कोई जानकारी तो पार्टी की ओर से हमें नहीं दी गई है। लेकिन अगर हम सूत्रों की मानें तो जल्द ही बदलाव हो सकेंगे।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया कहते हैं कि जिस तरीके से प्रियंका गांधी ने हाल के चुनाव में आक्रामक रणनीति और उसके सफल परिणाम का आधार तय किया है इस आधार पर पार्टी ने उनको समूचे देश के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी है। वह कहते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की व्यापक रणनीति हर स्तर पर न सिर्फ सफल होने वाली है। बल्कि नेतृत्व के लिहाज से पार्टी युवाओं को और वरिष्ठों नेताओं के साथ तालमेल कर आगे बढ़ रही है। पार्टी के नेता मानते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने जिस तरीके से पांच राज्यों के चुनाव के बाद व्यापक फेर बदल और नई जिम्मेदारियां के साथ पूरी नई टीम तैयार कर रही है वह आने वाले चुनाव की पूरी रणनीति बताती है।