AVN News Desk : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर, गुरुवार को प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश के मुरैना में रैली की है. वही इस दौरान उन्होंने यहां जनसभा को संबोधित किया और ‘विरासत वाले बयान’ पर एक बार फिर से निशाना साधा. और प्रियंका गांधी ने कहा है कि, ‘जब अपने पिता के टुकड़े लेकर आई थी तो इस देश से नाराज थी. मैंने अपने पिता को हिफाजत से तुम्हारे पास भेजा और तुमने मुझे टुकड़े में लौटाया. और प्रियंका गांधी ने कहा है कि मैं जानती हूं शहादत का क्या मतलब है. जब मंच पर खड़े होकर मेरे पिता पर आरोप लगाते हैं कि मेरे पिता ने कई कानून बदल दिया उनसे विरासत लेने के लिए. मेरे पिता को विरासत में धन-दौलत नहीं, शहादत की भावना मिली है. यह भावना आप नही समझ सकते हैं, क्योंकि आपने अपने बेटे को सरहद पर भेजें हैं. मोदी जी इस भावना को बिलकुल नहीं समझ सकते.
पूर्व पीएम राजीव गांधी का भी किया जिक्र
प्रियंका गांधी ने मंच से कहा है कि, ‘मैं जब 19 साल की थी, तब अपने पिता के टुकड़ों को घर लाई थी. तब मैं बहुत नाराज थी. और फिर मैंने धीरे-धीरे इस बात को समझा कि जिससे प्रेम होता है, नाराजगी उससे ही होती है. आज मै 52 साल की हूं. आज मैं पहली बार मैंने ये बात सार्वजनिक मंच पर कही है. और मेरे देश के लिए मेरे दिल में कितना प्रेम है,
लोकसभा चुनाव में एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम को विरासत वाले बयान पर घेरा
प्रियंका गांधी ने कहा उन्होंने विरासत वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘मोदी जी कहते हैं कि मेरे पिता ने उनकी मां से विरासत लेने के लिए कई कानून बदल दिया था. मोदी जी इस बात को कभी समझ नहीं पाएंगे कि मेरे पिता को विरासत में धन दौलत नहीं मिली थी. मेरे पिता को विरासत में शहादत मिली थी. मैं कैसे समझाऊं कि मोदी जी मेरे पिता जी को देशद्रोही बोलते हैं. वे इस बात को नहीं समझेंगे, लेकिन आप समझेंगे, क्योंकि आप इस देश के किसान हो, इस देश कि मिट्टी को आपने पसीने से सींची है.
पुलवामा शहीदों का भी किया जिक्र
‘जो पुलवामा के शहीद हैं, उनमें से कुछ पुलवामा शहीद उत्तर प्रदेश (यूपी) के भी थे. मैं तब उनके घर पर गई थी. उन घरों के बच्चों ने कहा था उन्हें भी सेना में जाना है. मैं आपको ये कहने आई हूं कि हमें देशद्रोही कहें, हमें घर से निकाल दें, मेरे भाई को संसद से निकाल दिया था. वही मेरे भाई पर इतने केस लगाए, ये कुछ भी कर लें, लेकिन ये भावना मेरे दिल से नहीं निकाल पाएंगे.