पाकिस्तान से लगातार जारी तनाव के बीच सीमावर्ती से सटे चार राज्यों जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के साथ हरियाणा तथा केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में फिर से शनिवार को मॉक ड्रिल होगी। वही ऑपरेशन शील्ड के तहत होने वाली इस ड्रिल में हवाई हमलों से बचने का अभ्यास किया जाएगा। और साथ ही सुरक्षा और आपातकालीन व्यवस्थााओं को भी जांचा जाएगा। इसके बाद देर शाम को ब्लैकआउट भी किया जाएगा।
ऑपरेशन शील्ड के तहत पहले यह ड्रिल बृहस्पतिवार को ही होनी थी, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे थोड़ा स्थगित कर दिया गया था। पाकिस्तान के साथ 10 मई की शाम से ही लागू संघर्ष विराम के बाद से पहली बार मॉक ड्रिल कराई जा रही है।
छह राज्यों में शनिवार को होनी वाली मॉक ड्रिल की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की और संबंधित आधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। नागरिक सुरक्षा अधिकारियों ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश से आग्रह किया कि वे सभी स्थानीय प्रशासन को शामिल करते हुए शनिवार को शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल की योजना बनाएं और इसका आयोजन करें।
अग्निशमन सेवा और होमगार्ड महानिदेशालय ने कहा है कि मॉक ड्रिल में दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइल हमलों का सामना करने के सभी तरीके बताए जाएंगे। वही इस दौरान सायरन भी बजाया जाएगा और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों का भी परीक्षण किया जाएगा। नागरिक सुरक्षा अधिकारियों ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश से आग्रह किया है कि वे सभी स्थानीय प्रशासन को शामिल करते हुए शनिवार को शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल की योजना बनाएं और इसका आयोजन करें।
पाकिस्तान के सीमावर्ती से सटे राज्यों में आपात हालात से निपटने का अभ्यास
वही, ऑपरेशन शील्ड के दौरान नागरिक सुरक्षा के संबंध में स्थानीय प्रशासन की तत्परता सुनिश्चित करने, एनसीसी (NCC) , एनएसएस (NSS) , भारत स्काउट एवं गाइड जैसे स्वयंसेवकों की सेवाएं लेने, दुश्मन के विमानों व मिसाइल हमलों के संबंध में वायुसेना व नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष के बीच हॉटलाइन स्थापित करने, हवाई हमले के सायरन को सक्रिय करने, ब्लैकआउट सुनिश्चित करने, जनता व संपत्ति की सुरक्षा जैसी अनेक विभिन्न कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर सात मई को 244 जिलों में मॉक ड्रिल हुई थी।
मॉक ड्रिल में ये होगा
गृह विभाग के निर्देशों के अनुसार एक ही जिले में एक ही जगह पर मॉक ड्रिल होगी
दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचने के तरीके बताए जाएंगे
हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन भी बजाए जाएंगे
आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों का भी परीक्षण किया जाएगा
पूरी तरह से ब्लैकआउट सुनिश्चित करने की तैयारी
महत्वपूर्ण ठिकानों, इमारतों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
सभी लोगों को खतरे वाली जगहों से सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारी
विमानों व मिसाइलों के हमले पर वायुसेना और नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष के बीच हॉटलाइन स्थापित करने की भी तैयारी
स्थानीय प्रशासन की तैयारियों और तत्परता परखना
एनसीसी (NCC), एनएसएस (NSS), भारत स्काउट एवं गाइड जैसे स्वयंसेवकों की सेवाएं लेने वाले है.