झारखंड की होली

झारखंड की होली – रंगों, परंपराओं और संस्कृति का संगम.. ! Holi of Jharkhand – A confluence of colours, traditions and culture..!

Jharkhand ki holi :- झारखंड में होली का पर्व बेहद धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यहाँ की होली की खासियत इसकी अनोखी परंपराएँ और सांस्कृतिक विविधता में छिपी हुई है। यह त्यौहार न केवल रंगों का उत्सव है, बल्कि यह सामाजिक एकता, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक भी है। झारखंड के विभिन्न हिस्सों में होली को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, जो इस राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है।

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झारखंड की होली

झारखंड की होली की खासियत:

  1. महुआ के पेड़ के नीचे होली की पूजा:
    झारखंड में होली के दिन महुआ के पेड़ के नीचे पूजा की विशेष परंपरा है। इसे महुआ पूजा कहते हैं। इस दिन लोग महुआ के पेड़ के नीचे इकट्ठा होते हैं और उस पेड़ की पूजा करते हैं। यह पारंपरिक पूजा उनकी संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सम्मान को दर्शाती है।

  2. “होली के झूले” पर झूलना:
    झारखंड में खासकर आदिवासी क्षेत्रों में होली के दिन झूलने की परंपरा है। लोग रंगों में रंगकर झूलों पर बैठते हैं और खुशी के गीत गाते हैं। यह झूले होली के रंगों और उमंग को और भी बढ़ा देते हैं।

  3. आदिवासी लोक गीत और नृत्य:
    झारखंड की होली में लोक संगीत और नृत्य का भी अहम स्थान है। होली के अवसर पर आदिवासी समुदाय “देसरी” और “झुमर” नृत्य करते हैं, जो झारखंड की संस्कृति का अहम हिस्सा हैं। इन नृत्यों में लोग एक-दूसरे को रंगों से सराबोर कर खुशी का इज़हार करते हैं।

  4. पारंपरिक पकवान:
    झारखंड में होली के अवसर पर विशेष पकवान बनाए जाते हैं, जैसे पुआ, गुझिया, और कचरी। इसके अलावा, महुआ के पेड़ से निकलने वाले महुआ का रस भी होली के मौके पर विशेष रूप से लिया जाता है। यह पेय होली के उत्सव को और भी खास बनाता है।

  5. समाजिक मेल-मिलाप:
    झारखंड में होली के दौरान जाति, धर्म, और क्षेत्रीय भेदभाव को भूलकर लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और रंगों में रंग जाते हैं। यह दिन समाज में भाईचारे और प्यार को बढ़ावा देने का दिन होता है।

झारखंड की होली का संदेश:
झारखंड की होली हमें एकता, प्रेम और सामाजिक सौहार्द का संदेश देती है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि रंगों के द्वारा न केवल बाहरी दुनिया को, बल्कि अपने दिलों को भी एक-दूसरे के करीब लाना चाहिए। यहाँ की होली की परंपराएँ हमें अपने इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने की प्रेरणा देती हैं।

सावधानियाँ:
होली खेलते समय हमें अपनी आँखों और त्वचा का ध्यान रखना चाहिए। प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें और बच्चों व बुजुर्गों का खास ध्यान रखें। इसके साथ ही, होली के दौरान सुरक्षा का भी ख्याल रखें।

निष्कर्ष :
झारखंड की होली न केवल एक त्यौहार है, बल्कि यह जीवन में खुशियाँ, प्रेम और भाईचारे के रंग भरने का अवसर है। तो इस होली, रंगों से अपने जीवन को सजाएं और इस पर्व को मिलजुलकर खुशी और उल्लास के साथ मनाएं।

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By: KP
Edited  by: KP

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