भगत-सिंह-एक-अद्वितीय-स्वत

भगत सिंह का जन्म एक सिख परिवार में हुआ था, उनके जन्म के समय उनके पिता किशन सिंह जेल में थे। भगत सिंह ने बचपन से ही अपने परिवार में देशभक्ति देखी थी, उनके चाचा अजीत सिंह एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने इंडियन पैट्रियटिक एसोसिएशन का भी गठन किया था, इसमें सैयद हैदर रज़ा उनके साथ थे। अजीत सिंह पर 22 मुकदमे दर्ज थे, जिनसे बचने के लिए उन्हें ईरान जाना पड़ा। भगत के पिता ने उनका दाखिला दयानंद एंग्लो वैदिक हाई स्कूल में कराया।

भगत सिंह क्रांतिकारी थे और 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड से बहुत दुखी हुए थे। महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आन्दोलन का उन्होंने खुलकर समर्थन किया था। भगत सिंह खुले आम अंग्रेजों को ललकारते थे और गांधी जी के कहे अनुसार ब्रिटिश बुक्स को जला दिया करते थे। चौरी चौरा में हुई हिंसात्मक गतिविधियों के चलते गांधी जी ने असहयोग आन्दोलन को बंद किया था, जिसके बाद भगत सिंह ने उनके फैसले को नकारते हुए दूसरी पार्टी में शामिल होने की सोची।

भगत सिंह ने लाहौर के नेशनल कॉलेज से बीए की पढ़ाई की थी। उनकी मुलाकात सुखदेव थापर, भगवती चरण और अन्य संगठनकर्ताओं से हुई थी। उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर आजादी की लड़ाई में भाग लिया और देशप्रेम में अपना समर्पण किया। उनके घरवालों का विचार था कि उनकी शादी कर लेनी चाहिए, लेकिन भगत सिंह ने देश की स्वतंत्रता को पहले माना और शादी से इंकार कर दिया।

भगत सिंह कॉलेज में नाटकों में भाग लेते थे और उनके नाटक देशभक्ति से परिपूर्ण थे। उन्होंने कॉलेज के नौजवानों को आजादी के लिए प्रोत्साहित किया और अंग्रेजों को नीचा दिखाने का प्रयास किया। उनका लेखन भी देशभक्ति से परिपूर्ण था और उन्होंने कई निबंध लिखे थे।

भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव ने मिलकर बड़े धमाके की सोची और उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कई कार्रवाईयाँ की। उन्होंने बम ब्लास्ट किया और अपने संदेश को पहुंचाने के लिए संघर्ष किया।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को फांसी की सजा दी गई। उनकी शहादत ने देश को जागरूक किया और उनका नाम देशभक्ति के महान पुरुषों में शामिल हो गया। उनकी बहादुरी और समर्पण आज भी हमें प्रेरित करते हैं।

भगत-सिंह-एक-अद्वितीय-स्वत

पूरा नाम शहीद भगत सिंह
जन्म 27 सितम्बर 1907
जन्म स्थान जरंवाला तहसील, पंजाब
मातापिता विद्यावती, सरदार किशन सिंह सिन्धु
भाई – बहन रणवीर, कुलतार, राजिंदर, कुलबीर, जगत, प्रकाश कौर, अमर कौर, शकुंतला कौर
मृत्यु 23 मार्च 1931, लाहौर

 

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