Surya Namaskar Mantra : सूर्या नमस्कार का हमारे धर्म में एक अनोखा मोल है यह सूर्य देवता को नमन करने के लिए उच्चारित किया जाता है। इसे प्रत्येक सूर्य नमस्कार के दौरान शुद्ध मन से उच्चारण किया जाता है, ताकि शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शुद्धता प्राप्त हो सके। हम इस लेख के जरिए सूर्य नमस्कार मंत्र के बारे में जानेंगे।
सूर्या नमस्कार मंत्र
ओम मित्राय नमः (सबके मित्र को प्रणाम)
ओम रवये नमः (दीप्तिमान को प्रणाम)
ओम सूर्याय नमः (जिससे सब कुछ सक्रिय होता है, उसे प्रणाम)
ओम भानवे नमः (जो पृथ्वी को उजागर करता है, उसे प्रणाम)
ओम खगाय नमः (जो आकाश में तेजी से यात्रा करता है, उसे प्रणाम)
ओम पुष्णे नमः (जिससे जीवन को पोषण मिलता है, उसे प्रणाम)
ओम हिरण्यगर्भाय नमः (स्वर्ण गर्भ को, जिससे सब कुछ प्रकट हुआ, उसे प्रणाम)
ओम मारिचये नमः (भोर के देवता को प्रणाम)
ओम आदित्याय नमः (आदिती के पुत्र को प्रणाम)
ओम सवित्रे नमः (सृष्टि के देवता को प्रणाम)
ओम अर्काय नमः (जिसकी पूजा सबसे अधिक की जानी चाहिए, उसे प्रणाम)
ओम भास्कराय नमः (जो बाह्य और आंतरिक जगत को उजागर करता है, उसे प्रणाम)
आदि देव नमस्तुभ्यम्, प्रसिद्द मम भास्कर,
दिवाकर नमस्तुभ्यम्, प्रभाकर नमोस्तुते।
प्राचीन भगवान को प्रणाम, कृपा करें मुझ पर,
जो सुबह का निर्माण करते हैं, उन्हें प्रणाम,
दिन का सर्जक, उन्हें प्रणाम, जो प्रकाश का सर्जक हैं।