बसंत पंचमी

Basant Panchami Facts : बसंत पंचमी, हिन्दू त्यौहारों में एक विशेष दिन है जब विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह उत्सव पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई अन्य राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनाया जाता है।

बसंत पंचमी के बारे में कुछ रोचक बातें हैं। 

बसंत पंचमी का अर्थ: सरस्वती देवी मां की पूजा

बसंत पंचमी, ‘श्रीपंचमी’ के नाम से जाना जाता है, हिंदुओं के बीच एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसमें सरस्वती देवी की पूजा की जाती है।

उत्साही उत्सव: पूरे क्षेत्र में धूमधाम 

इस त्यौहार का उत्साह पूरे पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और अन्य कई राष्ट्रों में देखा जा सकता है, जहां लोग इसे बड़े उल्लास से मनाते हैं।

माघ में रौंगत: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार 

बसंत पंचमी का आयोजन हिन्दू कैलेंडर के माघ महीने के पांचवें दिन (पंचमी) पर होता है, जो हर साल मनाया जाता है।

सरस्वती का त्यौहार: ज्ञान और कला की देवी 

इस दिन सरस्वती देवी, ज्ञान, संगीत और कला की देवी, की पूजा की जाती है, जिसे धूमधाम से मनाया जाता है।

बसंत पंचमी का शुभारंभ: सरस्वती देवी का जन्मदिवस

इस दिन सरस्वती देवी का जन्मदिवस मनाया जाता है, जिसे लोग बहुत श्रद्धा भाव से मनाते हैं।

शिक्षा का महत्व: बच्चों को प्रेरित करना

बसंत पंचमी के दिन बच्चों को हिंदू रीति के अनुसार उनका पहला शब्द लिखना सिखाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है।

पीला रंग और सरस्वती पूजा: परंपरागत स्नेह 

इस दिन पीले वस्त्र धारण करने का रिवाज़ है और सरस्वती पूजा के अवसर पर पीले रंग के चावल, लड्डू और केसरयुक्त खीर बनाए जाते हैं।

प्रकृति की सुंदरता: पीली सरसों की बहार 

बसंत पंचमी

बसंत पंचमी से शुरू होती है प्रकृति की सुंदरता की अद्वितीय बहार, जब चारों ओर पीली सरसों की लहलहाहट छाई रहती है।

समय की महक: शरद ऋतु का अंत 

इस त्यौहार से शरद ऋतु की विदाई होती है और प्रकृति में नवजीवन का संचार शुरू होता है।

 

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