Baisakhi 2024: बैसाखी एक धूमधाम से मनाया जाने वाला पर्व है, जो खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है। यह सर्दी के मौसम में एक नई ऊर्जा का संचार करता है। विभिन्न राज्यों में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे बिहू, नबा वर्षा और पूरम विशु। इस दिन लोग नए आसन पर बैठकर ध्यान और पूजा करते हैं, और खाने-पीने का आनंद लेते हैं। इस दिन के महत्व को ध्यान में रखते हुए, लोग धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
क्यों मनाया जाता है बैसाखी पर्व
बैसाखी के दिन, सूर्य अपना रास्ता मेष राशि में बनाते हैं, जिसे हम मेष संक्रांति के रूप में भी जानते हैं। इस अवसर पर, नए सौर वर्ष की शुरुआत का आगाज होता है। ‘बैसाखी ‘ का नाम भी इसी वजह से है, क्योंकि इस दिन सूर्य विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। इस अवसर पर, धार्मिक नदियों में स्नान और दान-पुण्य का महत्व अत्यंत उच्च माना जाता है, जैसे कि गंगा, गोदावरी और कावेरी में।
किसानों के लिए फसल का उत्सव
बैसाखी में न केवल धार्मिक अथवा नए वर्ष का आगाज भी होता है और यह किसानों का महत्वपूर्ण त्योहार भी है। इस दिन किसान अपनी नई फसल का उत्सव मनाते हैं और अपने फसलों की खुशबू से एक अनुभूति को महसूस करते हैं। बैसाखी एक प्राचीन त्योहार है, लेकिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने इसे और भी महत्वपूर्ण बनाया। 1699 ई. में, उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की, जिससे इस त्योहार को नया अर्थ और महत्व मिला। उनके इस ऐतिहासिक कार्य के लिए बैसाखी के दिन उन्हें अनंत श्रद्धांजलि।