AVN News Desk New Delhi: मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के चुनावी नतीजे आए आज छह दिन बीत गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद के चेहरों पर मुहर नहीं लग सकी है. हालांकि तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षक (Supervisor) नियुक्त कर दिए गए हैं, जो यहां के विधायकों (MLAs) की राय लेकर मुख्यमंत्री चेहरे को फाइनल करेंगे. इस बीच कई नाम जो पहले बहुत आगे थे, अब वो रेस पीछे बताए गए हैं. सीएम की रेस में नए नाम आगे होने की सुगबुगाहट दिल्ली से भोपाल, रायपुर ,जयपुर,तक शुरू हो चुकी है. अब बस रविवार और सोमवार का सब को इंतजार है.
दरअसल, सूबे में सुगबुगाहट है कि मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल पुराने चेहरों की विदाई हो सकती है. तीन में से एक राज्य में महिला मुख्यमंत्री का नाम भी हो सकता है. एक आदिवासी या ओबीसी मुख्यमंत्री का नाम भी घोषित किया जा सकता है. इसके अलावा सांसद से विधायक बना एक चेहरा भी सीएम हो सकता है. वहीं अगर कोई गैर विधायक चेहरा चुनावी मेहनत के दम पर मुख्य्मंत्री की कुर्सी पर बैठे तो भी चौंकने की जरूरत नहीं है.
राजस्थान में मुख्यमंत्री की रेस में अब किरोड़ी लाल मीणा का नाम भी जुड़ गया है. वहीं मध्य प्रदेश में इस रेस में अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल बताए जा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ खास वजहों से मुख्यमंत्री के रेस में शामिल हैं. कारण, ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिनती पीएम मोदी के करीबियों में होती है. कई महत्वपूर्णों कामों का जिम्मा ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर भी है. वहीं, मध्य प्रदेश में भाजपा के वो इकलौते ऐसे नेता हैं, जिनके घर में राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय का नाम इस रेस में सब से जुड़ा है.
राजनाथ में बनाए गए राजस्थान के पर्यवेक्षक
आप को बता दें कि राजनाथ सिंह रविवार को राजस्थान पहुंच रहे हैं. उन्हें राजस्थान का पर्यवेक्षक (Supervisor) बनाया गया है. इनके साथ सरोज पांडे और विनोद तावडे को पर्यवेक्षक (Supervisor) बनाया गया है. राजस्थान के तीनों पर्यवेक्षकों (Supervisors) के सामने फिलहाल दावा है कि सीएम के चेहरे के तौर पर वसुंधरा राजे, किरोड़ी लाल मीणा, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत और दीया कुमारी का नाम है. इन्हीं में से एक नाम को विधायक दल की बैठक में राय लेकर मुख्यमंत्री बनाया जाएगा यह मीडिया रिर्पोट में लेकिन. इसके बाद अंतिम फैसला संसदीय बोर्ड को ही करना है यू बोले की पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को ही करना है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक माना जा रहा है कि रविवार को ही विधायक दल की बैठक हो सकती है. 16 तारीख से पहले ही नई सरकार, नए सीएम और नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण भी हो सकता है. शपथ ग्रहण के लिए जगहें भी खोजी जाने लगी हैं. बस मुख्यमंत्री कौन होगा, यही साफ होना बाकी है.
मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर पर
वही मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां सोमवार को लगभग सस्पेंस खत्म हो जाएगा. कारण यह है कि, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा पर्यवेक्षकों के तौर पर शनिवार या रविवार को कभी भी भोपाल पहुंच सकते हैं. इनके सामने मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर शिवराज सिंह चौहान, पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, वी.डी शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि अगर शिवराज सिंह को मुख्य्मंत्री नहीं बनाया जाता है तो किसी और ओबीसी चेहरे के सिर ताज सज सकता है.
छत्तीसगढ़ में नए कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे मंथन
अपने सीएम का इंतजार करता तीसरा राज्य छत्तीसगढ़ है. यहां तीनों ऑब्जर्वर (Observer) यानी पर्यवेक्षकों के तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम शनिवार को रायपुर पहुंचने की उम्मीद हैं. इनके सामने मुख्य्मंत्री चेहरे के प्रमुख दावेदार रमन सिंह, अरुण साव, रेणुका सिंह, विष्णु देव साय और ओ.पी चौधरी बताए जा रहे हैं. यहां भी मुख्यमंत्री चेहरे से सस्पेंस रविवार को ही खत्म हो सकता है.