लोकसभा में लंबे वक्त से लंबित चुनाव सुधारों पर मंगलवार यानी आज से दो दिवसीय महत्वपूर्ण बहस शुरू होने जा रही है. इस चर्चा की शुरुआत लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी करेंगे.
बीते कई महीनों से राहुल गांधी चुनाव आयोग और बीजेपी पर वोटचोरी का आरोप लगा कर हमलावर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी “वोटचोरी” के मुद्दे को एक बार फिर जोरशोर से उठाएंगे. हो सकता है कि वो कुछ नये तथ्य भी लोकसभा में रखें. कांग्रेस को इस दौरान क्षेत्रीय दलों का भी जोरदार समर्थन मिल सकता है.
दरअसल, पूरा विपक्ष मानसून सत्र से ही लगातार चुनावी नामावलियों के विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) पर चर्चा की मांग कर रहा था, लेकिन सरकार ने तर्क दिया है कि निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र, स्वायत्त और संवैधानिक संस्था है. इसलिए उसने व्यापक “चुनाव सुधारों” पर ही चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्ष ने स्वीकार कर लिया.
विपक्ष का दावा है कि हाल के कुछ राज्यों में मतदाता सूची में अचानक लाखों नाम जोड़े या हटाए गए, जिससे निष्पक्षता पर संदेह पैदा हुआ है. हालांकि, सरकार और निर्वाचन आयोग इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.
लोकसभा में बीजेपी ने बचाव के लिए उतारी दिग्गजों की टीम
वही,सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से इस बहस में वरिष्ठ सांसद और पूर्व आईएएस निशिकांत दुबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.पी. चौधरी, कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय और संजय जायसवाल प्रमुखता से हिस्सा लेंगे. ये सभी सत्ता पक्ष के नेता चुनाव सुधारों के पक्ष में सरकार की स्थिति को मजबूती से रखेंगे.

कांग्रेस का दमदार लाइन-अप
वहीं, कांग्रेस ने चुनाव सुधार के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष लोकसभा राहुल गांधी के अलावा के सी वेणुगोपाल, मनीष तिवारी, वर्षा गायकवाड़, मोहम्मद जावेद, उज्जवल रमन सिंह, ईसा खान, रवि मल्लू, इमरान मसूद, गोवाल पाडवी और जोतीमनी समेत कुल 11 सांसद इस अहम चर्चा में भाग लेने वाले हैं.
जब की SIR के मुद्दे पर सरकार और चुनाव आयोग को पूरा विपक्ष घेर रहा है और सर्वोच्च न्यायालय से भी चुनाव आयोग को फटकार लगी लेकिन जिस तरह से SIR प्रक्रिया पर सवाल उठ रहा है इससे सरकार ओर चुनाव आयोग के मनसा पर एक बड़ा सवाल है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है.
