बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले NDA के भीतर सीट बंटवारे को लेकर हलचल तेज हो गई है. वही दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर जेडीयू, एचएएम, आरएलएसपी और एलजेपीआर के नेताओं की बैठक हुई थी, जिसमें सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई थी. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सीटों को लेकर अभी तक आम सहमति नहीं बन पाई है. वही बताया जा रहा है कि चिराग पासवान ने जिन सीटों की डिमांड की है, उनको लेकर अब जेडीयू और मांझी की पार्टी की सहमति नहीं बन पा रही है. वहीं बताया जा रहा है कि जेडीयू नेताओं ने बीजेपी हाई कमान को क्लीयर कर दिया है कि चिराग से वही डील करे, जेडीयू उनसे डील नहीं करेगी.
NDA के भीतर सीट बंटवारे को लेकर घमासान जारी
जदयू अपनी सीटें महनार, मटिहानी और चकाई चिराग को नहीं देने को तैयार है. महनार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहाा की सीट है, जबकि मटिहानी 2020 में चिराग की पार्टी जीती थी, लेकिन अब वह विधायक जदयू में शामिल हो चुके हैं. चकाई में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह हैं, जिन्हें जदयू का समर्थन प्राप्त है.
बीजेपी अपनी गोविंदगंज सीट चिराग को देने को तैयार नहीं है. वहीं, मांझी की पार्टी अपनी सिकंदरा विधानसभा सीट भी चिराग को देने को तैयार नहीं है. वही सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान वैसी सीटों पर दावा कर रहे हैं जहां उनके उम्मीदवार जीत सकें, जिससे सीटों का यह मामला NDA में फंसा हुआ है. बीजेपी ने जदयू से कहा है कि चिराग से खुद डील करें.

RLM के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने क्या कहा?
RLM के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने स्पष्ट किया है कि मीडिया रिपोर्ट्स में जो यह दावा किया जा रहा है कि NDA के भीतर सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति बन गई है और उनकी पार्टी को कुछ सीटें दी जा रही हैं, वह गलत है. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि बातचीत अभी पूरी तरह संपन्न नहीं हुई है और यह जारी है. भाजपा नेतृत्व द्वारा दी गई आगे की जानकारी के आधार पर उनकी टीम दिल्ली जा रही है, जहां बातचीत होगी.
उन्होंने यह भी बताया कि उनकी पार्टी सार्वजनिक रूप से यह नहीं बताएगी कि उन्हें कितनी सीटें चाहिए. जरूरत पड़ने पर संबंधित पक्षों के साथ बैठकर विस्तृत चर्चा की जाएगी.
बिहार में LJP की बैठक में लिया गया ये फैसला
सूत्रों के मुताबिक, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को पार्लियामेंट्री बोर्ड ने NDA गठबंधन के लिए सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार दिया है. वही वर्तमान में 5-6 सीटों पर चर्चा अभी जारी है, जो ऐसी हैं जहां सहयोगी दल भी अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं. इस मुद्दे पर बातचीत के दौरान फिलहाल गठबंधन टूटने या शंका पैदा होने की अभी कोई संभावना नहीं बताई जा रही है.
