भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से आतंक के खिलाफ एक नई और लम्बी लकीर खींच दी है और पाकिस्तान का मुखौटा पूरी दुनिया के सामने उतारने का प्लान भी मोदी सरकार ने तैयार कर लिया है, जिससे पाकिस्तान का आतंक को पालने पोषणे वाला चेहरा दुनिया के सामने आ जाएगा. सरकार ने तय किया है कि वो पाकिस्तान के आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पूरी दुनिया को बताएगी. वही इसके लिए भारत की सभी पार्टियों से 51 नेता और 85 राजदूत, 32 अलग-अलग देशों में 7 डेलिगेशन को भेजा जा रहा है. जहां ये सभी डेलिगेशन बताएगा कि कैसे पाकिस्तान आतंकवाद को किस तरह पालता-पोसता है और ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने पाकिस्तान के इसी आतंक पर एक करारा वार किया था.

वही पाकिस्तान में पल रहे आतंक का सच, दुनिया के सामने उजागर करने का जिम्मा मिलने वाले सभी डेलिगेशन में सिर्फ भाजपा नहीं, बल्कि देश की सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं और इन 7 में से 2 डेलिगेशन बुधवार 21 मई को विदेश रवाना हो रहे हैं. वही पहला डेलिगेशन जेडीयू (JDU) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के नेतृत्व में जापान रवाना होगा.

पहले डेलिगेशन का नेतृत्व करेंगे संजय झा

जेडीयू (JDU) के संजय झा डेलिगेशन का नेतृत्व करेंगे, जिसमें भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, भाजपा सांसद बृजलाल, सीपीआई सांसद डॉ. ज़ॉन ब्रिटास, बीजेपी सांसद हेमांग जोशी, बीजेपी सांसद प्रदान बरुआ और राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं. वही ये डेलिगेशन जापान, इंडोनेशिया, मलेशिया, साउथ कोरिया, और सिंगापुर का दौरा करेगा और वहां अपनी बातों को रखेंगे.

दूसरा डेलिगेशन जो कल पाकिस्तान के आतंक की परतें उधेड़ने और खोलने के लिए, विदेश रवाना हो रहा है, उसका नेतृत्व शिवसेना के सांसद और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं.

शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे लीड कर रहे हैं और उनके साथ  भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज, IUML के सांसद ईटी मोहम्मद बशीर, बीजेपी सांसद अतुल गर्ग, बीजेपी सांसद सस्मिता पात्रा, बीजेपी सांसद मनन कुमार मिश्रा, बीजेपी सांसद एसएस अहलूवालिया और राजदूत सुजन चिनॉय शामिल हैं.

ये डेलिगेशन सबसे पहले यूएई (UAE) जाएगा, वहां से फिर कांगो. इसके बाद सिएरा लियोन जाएगा और अंत में ये डेलिगेशन लाइबेरिया में भी जाएगा.

गुरुवार को जाएगा तीसरा डेलिगेशन

तीसरा डेलिगेशन डीएमके (DMK) सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में 22 मई को पहले रूस के लिए रवाना होगा. उसके बाद स्लोवेनिया, ग्रीस और लात्विया होते हुए 31 मई को स्पेन में जाएगा.

डेलिगेशन में शामिल हैं कांग्रेसी नेता

दरअसल, इन 7 डेलिगेशन में 3 कांग्रेस नेताओं को भी शामिल किया गया है, जिनमें एक डेलिगेशन का नेतृत्व शशि थरूर कर रहे हैं. इनके अलावा सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा और कांग्रेस के सांसद अमर सिंह का नाम, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद वाले ग्रुप में शामिल है. वही कांग्रेस का यह आरोप है कि जिन नेताओं के नाम कांग्रेस की तरफ से दिए गए थे…उन्हें बदलकर अपनी तरफ से नाम डाले गए हैं. अब कांग्रेस पार्टी कह रही है कि राजनीति सिर्फ देश के लिए है. देश के बाहर दायित्व बिलकुल अलग है.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में डेलिगेशन, अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया जाएगा और अब बताते हैं कि पाकिस्तान और उसके आतंक का पर्दाफाश करने के लिए जिन 32 देशों में डेलिगेशन भेज रहे हैं.

भारत

भारत ने क्यों चुने ये देश

भारत ने अफ्रीका को इसलिए चुना गया है, यहां आतंक के ठिकानों के खिलाफ वैश्विक दक्षिण को एकजुट करना भी है. वही खाड़ी देशों को इसलिए चुना गया है, यहां जाकर टेरर फंडिंग और रणनीतिक कमजोरियों को पूरी तरह से उजागर करना है. वही यूरोप में डेलिगेशन इसलिए जा रहा है, क्योंकि यहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बात रखने वाले सभी दिग्गज देश हैं. वही अमेरिका में इसलिए डेलिगेशन भेजा जा रहा है, खुफिया साझेदारी और रणनीति सामंजस्य बैठाने के लिए और पूर्वी एशिया में डेलिगेशन इसलिए जा रहा है, समुद्री सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक में आतंकी खतरे से निपटने की रणनीति बनाई जाए सके.

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