BRICS Summit 2024 Updates: रूस के कजान शहर में ब्रिक्स समिट (BRICS Summit) का आज दूसरा दिन है. इससे इतर पीएम नरेंद्र मोदी की आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत होगी. दोनों ही नेताओं के बीच करीब 5 साल बाद यह औपचारिक वार्ता होने जा रही है. इससे पहले 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद दोनों ही देशों में मतभेद गहरा गए थे. ये बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के बीच पिछले चार सालों से चल रहा विवाद अब कुछ हद तक सुलझ गया है. वही अब रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाने की ओर दोनों देश आगे बढ़ गए हैं. आखिरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच औपचारिक बैठक अक्टूबर 2019 में तमिलनाडु के ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में हुई थी. ओर इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की. पीएम नरेंद्र मोदी, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान से भी मिले थे.
भारत और चीन की पहल पर बना ब्रिक्स संगठन
वही साल 2006 में BRICS संगठन इसलिए बना था क्योंकि इससे पहले तक दुनिया में जितने भी ऐसे संगठन थे, उनमें अमेरिका और यूरोप के देशों का एक काफी प्रभाव था. और इसकी वजह से ही एशिया और अफ्रीका के देशों को ज्यादा महत्व नहीं मिल पाता था, लेकिन इसके बाद भारत और चीन की पहल पर BRICS की स्थापना की गई और अब रूस में इस समूह का 16वां वार्षिक सम्मेलन हो रहा है.
ब्रिक्स का हिस्सा बन गए हैं 5 और देश
जिस BRICS समिट में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस गए हैं, वो BRICS संगठन कुल पांच देशों को मिला कर बना है. इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है और इस बार इस संगठन में पांच और देश आधिकारिक रूप से शामिल हो गए हैं, जिनमें इजिप्ट, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और UAE का नाम भी शामिल है.
जुलाई में पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को दिया था ‘शांति का मंत्र’
पिछले 3 महीने में पीएम नरेंद्र मोदी दूसरी बार रूस पहुंचे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी इस साल जुलाई में भी रूस की यात्रा पर गए थे. ओर तब राष्ट्रपति पुतिन ने क्रेमलिन में उनका जोरदार स्वागत किया था और खुद गाड़ी ड्राइव करके उन्हें अपने आधिकारिक आवास की सैर करायी थी. जुलाई में रूस दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पुतिन को सलाह दी थी कि बम-बंदूकों और गोलियों से शांति संभव नहीं है. उसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी यूक्रेन दौरे पर भी गए थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा था कि ये जंग का समय नहीं है.
जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन की बात पर खिलखिला उठे पीएम मोदी
मंगलवार शाम 4 बजे पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय मुलाकात हुई. इस दौरान पुतिन ने भारत-रूस के ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र किया. वही द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी हिंदी और राष्ट्रपति पुतिन रूसी भाषा में बोल रहे थे. और तब दोनों ही नेताओं की बातों को रूसी और हिंदी में अनुवाद करने के लिए ट्रांसलेटर मौजूद थे. ओर इसी दौरान पुतिन ने पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा, “भारत और रूस के संबंध इतने प्रगाढ़ हैं कि मुझे लगता है कि आप मेरी बातें बिना ट्रांसलेटर की मदद के बिना भी समझ सकते हैं.” पुतिन की इस टिप्पणी पर पीएम नरेंद्र मोदी खिलखिला उठे. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि मॉस्को और नई दिल्ली के संबंध काफी विशेष हैं और समय के साथ और मजबूत हो रहे हैं. और इसके जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “पिछले तीन महीनों में मेरा रूस का यह दूसरा दौरा है, जो दोनों ही देशों के बीच की गहरी साझेदारी और दोस्ती को दर्शाता है.”