AVN News Desk New Delhi: सांप के जहर की तस्करी के मामले में मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. उत्तर प्रदेश नोएडा पुलिस ने इस मामले में उनको पूछताछ के लिए बुलाया था. उनके खिलाफ अब पर्याप्त सबूत मिलने के बाद ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके सूरजपुर कोर्ट में पेश किया है. कोर्ट ने उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वही इससे पहले ही जिला अस्पताल में उनकी मेडिकल जांच भी कराई गई है. यूट्यूबर की गिरफ्तारी के बाद उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वो पुलिसवालों के साथ हंसते हुए दिखाई दे रहे हैं.

वही पिछले साल भी इसी मामले के खुलासे के बाद नोएडा पुलिस ने यूट्यूबर एल्विश यादव सहित सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद ही पांच लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. इनके नाम है राहुल, टीटूनाथ, नारायण, जय करन और रविनाथ हैं. इन पांचों की गिरफ्तारी भारतीय जनता पार्टी नेता मेनका गांधी की एनिमल वेलफेयर संस्था पीएफ की पहल पर ही हुई थी. इसके बाद एक आरोपी राहुल ने एल्विश यादव की करतूतों के बारे में भी खुलासा किया था. पुलिस ने उस वक्त यूट्यूबर को कई बार पूछताछ के लिए भी बुलाया था, लेकिन तब उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी.
सांप के जहर की तस्करी के मामले में
पुलिस ने नोएडा सेक्टर 49 में एल्विश यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसकी भी विवेचना नोएडा सेक्टर 20 की पुलिस कर रही है. इसमें यूट्यूबर के खिलाफ आईपीसी की धारा 284, 289, 120बी और वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 की धारा 9, 39, 48, 49, 50, 51 के तहत ही केस दर्ज हुआ है. इस मामले में आरोपियों से बरामद स्नेक बेनम यानी सांपो का ज़हर को जांच के लिए भेजा गया था. वहां से मिली रिपोर्ट के बाद ही एनडीपीएस एक्ट की धाराएं बढ़ा दी गई है. पिछले पांच महीने से जांच कर रही पुलिस ने इस केस को अब मजबूत कर लिया है.
पुलिस हिरासत में एल्विश यादव भले ही हंसते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन उनकी मुश्किलें अब बहुत बढ़ने वाली हैं. उनके खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है, उनमें उनको अब लंबी सजा मिल सकती है, जो कि सीधे तौर पर उनके करियर को प्रभावित करने वाली है. आइए इन धाराओं और उनके तहत मिलने वाली सजाओं के बारे में हम विस्तार से जानते हैं.
एनडीपीएस एक्ट:- इसे विस्तार में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट-1985 कहते हैं. वही इसमें भी 1988, 2001, 2014 और 2021 में चार बार संशोधित भी किया गया है. वही इसका इस्तेमाल नशीले पदार्थों को बनाने, खरीदने – बेचने और सेवन करने वालों के खिलाफ भी किया जाता है. वही इसके तहत ही अफीम, गांजा, चरस, हेरोइन, कोकेन, मॉर्फीन, एलएसडी, एमएमडीए और अल्प्राजोलम भी आते हैं. इनमें से कई ड्रग्स का इस्तेमाल दवाइयों के लिए भी किया जाता है. लेकिन इनका ज्यादा इस्तेमाल भी प्रतिबंधित (Restricted ) है.
सजा- 10 से 20 साल तक जेल और 1 से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना भी है
वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट :- वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट- 1972 में 66 धाराएं और 6 अनुसूचियां भी हैं. इन अनुसूचियों के तहत ही वन्यजीवों की सुरक्षा की जाती है. लेकीन इस पहली अनुसूची में जंगली जानवरों और पक्षियों को सुरक्षा भी मिलती है. इस सूची में 43 वन्यजीव भी शामिल हैं. इनमें बाघ, चीता, भालू, मोर, तोता, बत्तख (कुछ प्रजातियां), तीतर, बाज, उल्लू, ऊंट, बंदर, हाथी, हिरन, सफेद चूहा, सांप, मगरमच्छ, एलिगेटर और कछुआ को पालने पर अभी प्रतिबंध है. इस एक्ट की कई धाराए भी हैं. इसकी अनुसूची 6 में दुर्लभ पौधों की खेती पर भी रोक लगाई गई है.
सजा है- 3 से 7 साल तक जेल
आईपीसी की धारा 284 :- आप को बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 284 उस शख्स पर लगाई जाती है, जो जहरीले पदार्थ के साथ लापरवाही से काम करता है. क्योंकि इससे किसी दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना रहती है.
क्या है सजा – आप को बता दें कि छह महीने तक कि जेल और एक हजार रुपए तक का जुर्माना
आईपीसी की धारा 289 :- आप को बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 289 पालतू जानवरों से संबंधित है. इसके अनुसार यदि किसी भी पालतू जानवर से कोई भी संकट पैदा होता है या किसी व्यक्ति को शारीरिक नुकसान पहुंचता है, तो इसकी जिम्मेदारी जानवर पालने वाले की होगी.
इसमें क्या है सजा- 6 महीने तक जेल और एक हजार रुपए तक का जुर्माना
आईपीसी की धारा 120बी- आप को बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी किसी भी अपराध को अंजाम देने के लिए मिलकर साजिश रचने के लिए अक्सर लगाई जाती है. इसमें जरूरी नहीं होता है कि आरोपी खुद अपराध को अंजाम दे. वह ऐसी कोई साजिश का हिस्सा भी हो सकता है.
क्या है सजा- आप को बता दें कि इसमें उम्रकैद या 2 वर्ष या उससे अधिक समय के लिए कठोर कारावास की सजा भी मिलती है.
आप को बताते चलें कि 2 नवंबर 2023 को नोएडा के सेक्टर 51 के सेवरोन बैंक्वेट हॉल से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें राहुल, टीटूनाथ, नारायण, जय करन और रविनाथ शामिल थे. इनके पास से 20 मिली सांप का जहर भी बरामद हुआ था. इसके साथ 9 सांप भी बरामद हुए थे, जिनमें 5 कोबरा, 1 अजगर, 2 दो मुहें सांप और एक रेड स्नैक भी था. आरोपियों ने बताया था कि सांपों के जहर का अक्सर इस्तेमाल रेव पार्टी में किया जाता है. यह भी खुलासा हुआ है कि एल्विश यादव की पार्टियों में सांपों के जहर से बने ड्रग्स का इस्तेमाल भी होता है.
वही भाजपा नेता और सासंद मेनका गांधी के एनजीओ पीएफए में कार्यरत गौरव गुप्ता ने इस मामले में केस दर्ज कराया था. पीएफए को नोएडा में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना लगातार मिल रही थी. ये भी पता चला था कि यूट्यूबर एल्विश यादव एनसीआर के फार्म हाउसों में कुछ लोगों के साथ मिलकर स्नेक वेनम का इस्तेमाल करता हैं. जिंदा सांपों के साथ वीडियो भी शूट कराता हैं. गैर कानूनी रूप से रेव पार्टियां भी आयोजित किया जाता हैं.
इसके बाद ही एक मुखबिर ने यूटूबर एल्विश यादव से संपर्क किया था. वही यूटुबर एल्विश यादव ने राहुल नाम के एक एजेंट का मोबाईल नंबर दिया था और कहा है कि उनका नाम लेकर आप बात कर लो. इसके बाद ही मुखबिर ने राहुल से संपर्क करके पार्टी आयोजित करने के लिए बुलाया था. वो नोएडा के सेवरोन बैंक्वेट हॉल में सांप लेकर पहुंचे तो इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों और पुलिस को दे दी गई थी. इसी के बाद से ही इस पूरे मामले में सनसनीखेज खुलासा हो गया था.