एवीएन न्यूज डेस्क नई दिल्ली: उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए ड्रिलिंग का काम गुरुवार रात को फिर से रोक दिया गया, जब ऑगुर मशीन में तकनीकी खराबी आ गई।

हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन के 12 दिन बाद भी एजेंसियों के हाथ अभी भी खाली हैं. अमेरिकी ऑगर मशीन ने अभी तक करीब 48 मीटर ही ड्रिलिंग कर 800 एमएम व्यास के पाइप डाले गए हैं. जबकि सभी मजदूर 60 मीटर दूर फंसे हैं. यानी अभी भी मजदूरों को निकालने के लिए 12 मीटर की खुदाई की ओर जरूरत है.

तीन बार अमेरिकी ऑगर मशीन में आई खराबी

रेस्क्यू एजेंसियों का मानना था कि गुरुवार को रेस्क्यू अभियान लगभग पूरा हो जाएगा. लेकिन गुरुवार को ऑगर मशीन में तीन बार खामी यानी खराबी आई है. ऑगर मशीन के जरिए ही सुरंग के मलबे में ड्रिलिंग करके 800 एमएम व्यास (MM Diameter) के पाइप डाले जा रहे हैं. इन्हीं पाइप से मजदूरों को बाहर निकालने की योजना बनाई है. हालांकि, मशीन में बार बार आई खामी के चलते मजदूरों को अभी तक निकाला नहीं जा सका है. हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन यानी बचाव कार्य अपने आखिरी पड़ाव पर है. बचाब दल सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को निकालने के बहुत ही करीब पहुंच गया है.

आज रेस्क्यू ऑपरेशन का 13वां दिन है. इससे पहले गुरुवार रात को जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है, उसमें दरारें दिखाई देने के बाद ड्रिलिंग को रोकनी पड़ी. शुक्रवार यानी आज को एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

लोहे की छड़ एक दम सामने आने के बाद भी रोकनी पड़ी थी ड्रिलिंग

इससे पहले बुधवार देर रात खुदाई के दौरान मशीन के सामने लोहे की छड़ आ गई थी. इसके बाद इसे काटने के लिए गैस कटर का भी इस्तेमाल किया गया था. 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीमों को इसमें कुछ हद तक सफलता मिली थी. इसके बाद जैसे ही खुदाई शुरू की गई, अमेरिकी ऑगर मशीन में खराबी आ गई थी. इसके बाद राजधानी दिल्ली से हेलिकॉप्टर से विशेषज्ञ बुलाए थे. कई घंटों की पूरजोर मेहनत के बाद ऑगर मशीन ने काम करना शुरू किया था. हालांकि, मशीन 1.8 मीटर की खुदाई के बाद फिर रुक गई थी. मौके पर मौजूद लोगो की तरफ़ से बताया जा रहा है कि प्लेटफॉर्म पर दरारें दिखने की वजह से ड्रिलिंग रोकनी पड़ी थी.

अभी मौजूदा क्या है स्थिति?

सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि प्लेटफॉर्म पर पड़ी दरारों को ठीक कर लिया गया है. अब जो पाइप बैंड हुए हैं, उन्हें काटने का काम जोर सौर से चल रहा है. इसके बाद फिर से अमेरिकी ऑगर मशीन शुरू की जाएगी. अभी भी 10-12 मीटर तक ड्रिलिंग करके पाइप डाले जाना अभी बाकी है.

12 नवंबर दीवाली से फंसे हैं मजदूर

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय (Uttarkashi District Headquarters) से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क’ (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का एक अहम हिस्सा है. ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है. 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था. इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए थे. इन्हें निकलने के लिए पिछले 10 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है. लेकिन अभी तक कोई खास सफलता हासिल नहीं हो पाया है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक, बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 46.8 मीटर तक ड्रिल कर चुके हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि, फिलहाल, मशीन की मरम्मत (Repairs) की जा रही है, जिसमें कुछ घंटे और लगेंगे। अगर कोई अन्य समस्या नहीं आती है, तो बचाव अभियान संभवतः आज सुबह 9 बजे के बाद फिर से शुरू होगा।

इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को अंतिम चरण में पहुंच गए बचाव कार्यों की निगरानी के लिए रात भर घटनास्थल पर रुकेंगे।
उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने का प्रयास आज 13वें दिन में प्रवेश कर गया। एक अधिकारी ने कहा, ड्रिलिंग कार्य को कल अस्थायी रूप से रोकना पड़ा क्योंकि ड्रिलिंग मशीन को सपोर्ट करने वाले प्लेटफॉर्म में दरारें पाई गईं।

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