ये घटना है उत्तर प्रदेश में एक स्कूल शिक्षिका की जो एक वायरल वीडियो में अपने छात्रों को उनके साथ पढ़ने वाले  मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने को कहती है।

मुजफ्फरनगर के एक स्कूल का वीडियो समाज को परेशान करने वाला है. वीडियो में एक लड़का असहाय डरा हुआ खड़ा है. उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे हैं, जबकि शिक्षिका तृप्ता त्यागी, जो कि स्कूल की प्रिंसिपल भी है, सांप्रदायिक (एक धर्म पर )टिप्पणियां कर रही है. वह होमवर्क न करने के लिए अन्य छात्रों से उसे थप्पड़ मारने के लिए कहती है.

नेहा पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल कैमरे पर किसी अज्ञात किसी व्यक्ति से कहती हैं, ‘मैंने घोषणा कर दी है, सभी मुस्लिम बच्चों को पीटा जाना चाहिए.’ यह घटना गुरुवार की है.
छात्र अपनी शिक्षिका के निर्देशों का पालन करते हैं और फिर जोर जोर से थप्पड़ की आवाजे सुनाई देती है. वह रोंगटे खड़े कर देने वाले इस वीडियो में कहती हुई सुनाई देती है…..तुम और जोर से क्यों नहीं मारते? अब किसकी बारी है?

उसके पिता ने पुलिस को बताया कि उनके बेटे को घंटों खड़े रहने के लिए मजबूर किया गया, अपमानित किया गया और पीटा गया.

पीड़ित छात्र के पिता ने कहा, ‘मेरा बेटा सात साल का है. शिक्षिका ने मेरे बच्चे को छात्रों से बार-बार पिटवाया. मेरे भतीजे ने वीडियो बनाया, वह किसी काम से स्कूल गया था… मेरे सात साल के बच्चे को एक या दो घंटे तक प्रताड़ित किया गया. वह बहुत डरा हुआ है. यह कोई हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है. हम चाहते हैं कि कानून अपना काम करे.’उन्होंने कहा, बच्चा सदमे में है.

परिवार ने पहले इस मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी. वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.

शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया

मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा ने कहा, हमने पूरी जांच की है. बच्चे के पिता की शिकायत पर हमने आरोपी शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है. बच्चे और उसके परिवार की काउंसलिंग भी की जा रही है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि जांच के बाद उन्होंने पाया कि शिक्षिका ने कहा था, ‘उन मुस्लिम बच्चों की मांएं जो अपने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देती हैं, उनकी पढ़ाई पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है.’

आरोपी प्रिंसिपल ने अपने घृणित कृत्य का बचाव किया और यह भी दावा किया कि वीडियो संपादित (Edited) किया गया है.

शिक्षिका तृप्ता त्यागी की और से दी गई सफाई

तृप्ता त्यागी ने दावा किया कि, ‘हम हिंदू-मुस्लिम सद्भाव से रहते हैं. हमारे स्कूल में कई छात्र मुस्लिम हैं. वह बच्चा उस दिन अपना होमवर्क करके नहीं आया था. मैंने वीडियो में कहा था कि मुस्लिम माताओं को अपने बच्चों को उनके मामा के घर नहीं ले जाना चाहिए क्योंकि परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं. लेकिन उन्होंने यह वीडियो बना लिया.’

जब की तृप्ता त्यागी ने इसे ‘मामूली मुद्दा’ बताया. उन्होंने कहा, ‘बच्चे के माता-पिता की ओर से उसके साथ सख्ती बरतने का दबाव था. मैं विकलांग हूं, इसलिए मैंने कुछ छात्रों से उसे थप्पड़ मारने को कहा ताकि वह अपना होमवर्क करना शुरू कर दे.’

उन्होंने कहा कि, ‘मेरा यह इरादा नहीं था. वे सभी मेरे बच्चों की तरह हैं और मैं अपनी गलती स्वीकार कर रही हूं, लेकिन इसे अनावश्यक रूप से एक बड़ा मुद्दा बना दिया गया. मैं राजनेताओं को बताना चाहती हूं कि यह एक छोटा सा मामला था. राहुल गांधी जैसे नेताओं ने ट्वीट किया है, लेकिन यह इतनी बड़ी बात नहीं थी कि इसके बारे में ट्वीट किया जाए. अगर रोजाना इस तरह के मुद्दे वायरल किए जाएंगे तो शिक्षक कैसे पढ़ाएंगे?’

उप मुख्यमंत्री  ब्रिजेश पाठक ने कहा- कार्रवाई की जाएगी

इस घटना को लेकर राजनीतिक हंगामा मच गया और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक ने कहा, ‘हमने संज्ञान लिया है और पूरी कार्रवाई की जाएगी.’

क्या हम मानसिक रूप से कमजोर हो गए है
आज का समाज कहा जा रहा है हम किस मानसिकता मैं
जी रहे है।
कब तक हम जाती या किसी धर्म के एक वर्ग को टारगेट करेंगे , शिक्षा का सस्थानों के हाथ मैं भारत की नई पौध का भविष्य सिरजन करने जिमेबारी है ,आए दिन ऐसी घटनाए आती रहती और देखने को मिलता है।
सिक्षको का काम है शिक्षा देना , बेहर हाल गलती हम लोगों की नही है देश के चौथे स्तम्भ की जिमेदारी है मगर देश की मीडिया जब हिंदु मुस्लिम करेंगे तो समाज मैं ये नफ़रत का ज़हर तो हवा मैं फैलेगा ही.

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