AVN News Desk New Delhi: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जारी सस्पेंस आखिरकार अब खत्म हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन यादव के नाम पर फाइनल मुहर लग गई है। बीजेपी की विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से इनके नाम को मुहर लगी है। इससे पहले बीजेपी आलाकमान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, डॉ. के लक्ष्मण और आशा लकड़ा को पर्यवेक्षक बनाकर मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी सौंपी थी। पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम को फाइनल किया गया है।
मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री भी हो सकता है। इनके लिए जो दो नाम सामने आ रहे हैं, वे हैं- जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला है। जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़ और राजेंद्र शुक्ला रीवा से विधायक बने हैं। इसके अलावा स्पीकर पद के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम का भी एलान (Announcement) किया गया है।
अब मोहन यादव के बारे में जानिए
मोहन यादव ने माधव विज्ञान महाविद्यालय से शिक्षा लिया है यानी पढ़ाई कि है। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री का जिम्मा भी संभाल चुके हैं।
मोहन 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव भी चुने गए थे। वे बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रहे है, मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण के प्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। 2013, 2018 के बाद अब वे 2023 में भी उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव जीतकर अब विधानसभा पहुंचे हैं।
बीजेपी को मिला प्रचंड बहुमत
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को वोट (मतदान) डाले गए थे। इसके नतीजे 30 नवंबर को जारी हुए थे। नतीजों में बीजेपी को प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल हुई थी। आंकड़ों पर नजर डालें तो बीजेपी के हिस्से में 163 सीटें आईं, जबकि कांग्रेस को 66 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था।
विधायक दल का नेता चुने के जाने के बाद क्या क्या बोले मोहन यादव?
मध्य प्रदेश के नए मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि मैं केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं कि मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को यह जो जवाबदारी दी है। आपके प्यार और सहयोग से मैं अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने का पुरा प्रयास करूंगा।
नतीजों के बाद मुख्यमंत्री के चेहरे पर सस्पेंस
चुनाव जीतने के बाद से सभी के मन में यह सवाल था कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? शिवराज सिंह चौहान चुनाव जीतने के बाद से ही लोगों यानी जनता के बीच जा रहे थे। माताओं-बहनों से मिल रहे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि वे मध्य प्रदेश में ही रहेंगे। उन्होंने बार-बार पार्टी का हर फैसला मानने की बात भी दोहराई थी। इस बीच विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले बीजेपी सांसदों ने इस्तीफा देकर मामले को और रोचक बना दिया था। इसी के साथ माना जाने लगा था कि मुख्यमंत्री पद की रेस में शिवराज सिंह चौहान के अलावा कई और भी दिग्गज भी हैं।
छत्तीसगढ़ के फैसले ने बढ़ाई दिलचस्पी
लंबे इंजतार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने बीते शुक्रवार को तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है और उन्हें विधायकों से मिलकर मुख्यमंत्री तय करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इस बीच बीते दिन छत्तीसगढ़ में एक आदिवासी समुदाय से आने वाले विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री चुनकर पार्टी ने सभी को चौंका दिया था। इसके बाद से ही मध्य प्रदेश को लेकर अटकलें और तेज हो गईं थीं। हालांकि, नतीजों के हफ्ते बीतने के बाद सभी कयासों और अटकलों पर विराम लगाते हुए पार्टी ने अपना फैसला कर दिया और मोहन यादव को राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुना है।