महाराष्ट्र की NDA सरकार में लगता है सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अहम बैठकों से गैर-हाजिर रहने पर तो कम से कम राजनीतिक गलियारों ऐसा ही माना जा रहा है. पहले तो वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा बुलाई गई कैबिनेट मीटिंग से अपनी दूरी बनाया यानी नहीं गए, अब एक और अन्य अहम बैठक में उन्होंने शिरकत नहीं की. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कुछ अहम प्रोजेक्ट्स पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी जिसमें दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार तो पहुंचे, लेकिन एकनाथ शिंदे नदारद रहे.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा बुलाई गई इस बैठक में महाराष्ट्र हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा होनी थी. हाउसिंग से संबंधित मंत्रालय डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के पास ही है, लेकिन वह इस मीटिंग में ही नहीं आए. हालांकि, शिंदे गुट की तरफ से गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने मीटिंग अटेंड किया है. वही बताया जाता है कि पिछले हफ्ते की कैबिनेट बैठक में भी एकनाथ शिंदे नहीं पहुंचे थे. अब उनके दूसरी बार ऐसा करने पर सवाल तो उठना लाज़मी हैं.
महाराष्ट्र में फडणवीस का मुख्यमंत्री बनना नहीं पचा पा रहे शिंदे
एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री थे, लेकिन 2022 में उन्होंने दर्जनों विधायकों को तोड़कर बीजेपी से गठजोर कर लिया था. उन्होंने राज्य में NDA की सरकार बनवाई थी, और फिर उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला, और तब देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनना पड़ा था. अब जब हालिया चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी तो देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हुआ, जिसे एकनाथ शिंदे ने कई दिनों तक मान मनोबल का दौर चलता रहा फिर बड़ी मुश्किलों से शायद माने।
एकनाथ शिंदे बनना चाहते थे मुख्यमंत्री और बन गए डिप्टी सीएम
एकनाथ शिंदे शिवसेना के प्रमुख हैं, जो महाराष्ट्र में महायुति (भाजपा-शिवसेना-एनसीपी) गठबंधन सरकार का हिस्सा है. मसलन, एकनाथ शिंदे की तरफ से चल रहा तनाव या मनमुटाव कोई नई बात नहीं है. विधानसभा चुनाव के बाद से कहा जाता है कि वह दूसरी बार महाराष्ट्र के सीएम बनना चाहते थे. इसके लिए कई दिनों तक उन्होंने सियासी उठापटक भी खूब मचाई. यहां तक कि वह बीमार भी पड़ गए और मौन धारण भी कर लिया था, लेकिन कहा जाता है कि भाजपा ने सीएम पद पर उनके दावे को सिरे से खारिज किया था.
मुख्यमंत्री नहीं बनने का मलाल है एकनाथ शिंदे को
एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला तो कहा जाता है कि पहले ही हो चुका था, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बन पाने का मलाल माना जाता है कि उनके मन में अभी भी है. बाद में पता चला कि वह कम से कम गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी चाह रहे हैं, लेकिन यह अहम पद भी भाजपा ने उन्हें देने से इनकार किया था. हाउसिंग जैसे अहम मंत्रालय उन्हें दिए गए है. महाराष्ट्र कैबिनेट में एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के पास 11 मंत्री पद हैं. लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बन पाने के मलाल पर विपक्षी पार्टी के नेता संजय राउत कहते हैं कि वह (एकनाथ शिंदे) अब ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.