राजस्थान क्राइम : राजस्थान के भरतपुर में एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई है. दो गुटों के बीच जमीन को लेकर हुए झगड़े में एक व्यक्ति की ट्रैक्टर कुचलकर बेरहमी से हत्या कर दी गई. पहले आरोप लगा है कि विरोधी पक्ष ने हत्याकांड को अंजाम दिया है. लेकिन अब भरतपुर पुलिस ने एक नया खुलासा करते हुए इस मामले को नया नाटकीय मोड़ दे दिया है.
राजस्थान के भरतपुर जिला के बयाना थाना इलाके के गांव अड्डा में हुई सनसनीखेज जघन्य वारदात में नया खुलासा हुआ है. भरतपुर पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड को मृतक निर्पत सिंह गुर्जर के भाई दामोदर सिंह गुर्जर ने ही अंजाम दिया है. एक जमीन के विवाद में वो अपने विरोधी पक्ष के लोगों को फंसाना चाहता था. आरोपी फिलहाल पुलिस के गिरफ्त से फरार है. वही दूसरी तरफ मृतक के पिता अतर सिंह गुर्जर का आरोप है कि पांच दिन पहले भी उनका अपने विरोधियों से काफी झगड़ा हुआ था. उस समय भरतपुर पुलिस ने उन्हें थाने में बैठा लिया और देर रात को 15 हजार रुपए लेकर उनको घर जाने दिया था. हालांकि, पुलिस इस आरोप को झूठा बताते हुए कह रही है कि उस समय दोनों पक्षों की शिकायत के बाद 22 लोगों को पाबंद भी कर दिया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स और लोकल लोगो के जानकारी के मुताबिक, बहादुर सिंह गुर्जर और अतर सिंह गुर्जर के परिवारों के बीच एक जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था. दोनों गुटों के बीच तकरीबन पांच दिन पहले भी झगड़ा हुआ था. इसमें दोनों पक्षों की तरफ से बयाना भरतपुर थाने में शिकायत दर्ज हुई थी. आज बहादुर सिंह पक्ष के लोग विवादित जमीन को ट्रैक्टर से जबरन जोतने के लिए चले गए. इसकी सूचना मिलने के बाद दूसरे पक्ष अतर सिंह के परिवार वाले भी विरोध करने जमीन पर पहुंच गए. खेत की जुताई के दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर झगड़ा हुआ है. कुछ समय के बाद ही बहादुर सिंह पक्ष के लोग घर चले गए. लेकिन अतर सिंह के बेटे दामोदर सिंह को इतना गुस्सा आ गया था कि उसने विरोधियों को फंसाने के लिए अपने ही भाई को ट्रैक्टर से रौंदना यानी कुचलना शुरू कर दिया.
वही भरतपुर पुलिस का कहना है कि दामोदर जब इस वारदात को अंजाम दे रहा था, तब गांव के कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया है. इस वीडियो को देखने के बाद ही समझ में आया है कि दामोदर ने ही अपने भाई निर्पत सिंह की ट्रैक्टर से रौंद कर हत्या की है. गांव वालों ने भी वीडियो में दामोदर की ही पहचान की है. वारदात यानी घटना को अंजाम के समय उसने जो शर्ट पहनी थी, उसे घर में छुपा दिया था, ताकि उसकी पहचान न हो सके. लेकिन वह पैंट बदलना वो भूल गया, जो उसकी पहचान करने में काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ. एसएचओ (SHO) जय प्रकाश परमार ने बताया है कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य आरोपी अभी फरार है. उसकी तलाश हर तरफ की जा रही है.
सड़क की जमीन को लेकर दोनों पक्षों में था विवाद
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश किलवानीय ने बताया है कि बुधवार तड़के यानी सुबह सूचना मिली कि अड्डा गांव में गुर्जर समुदाय के दो परिवारों के बीच काफी झगड़ा हो रहा है. सूचना मिलते ही एसएचओ (SHO) और सीओ (CO ) सहित सभी पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए. वहां जाकर पता चला है कि रास्ते यानी सड़क किनारे के विवाद को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ है. इसमें निर्पत सिंह गुर्जर के ट्रैक्टर से कुचलने के बाद उसकी मौके पर मौत हो गई. इस झगड़े में आठ से अधिक लोग गम्भीर रूप से घायल हुए हैं. इनमें से चार घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. दोनों पक्ष के छह लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. प्रथम दृष्टया यानी प्रत्यक्षत मालूम पड़ता है कि जो ट्रैक्टर चालक है वह मृतक नरपत सिंह का सगा भाई दामोदर सिंह ही है. वो अपने विरोधियों को फंसाना चाहता था.
वो ट्रैक्टर से रौंदता रहा, वहा लोग वीडियो बनाते रहे
गुर्जर परिवारों के बीच जब झगड़ा शुरू हुआ तो उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण के लोग एकत्रित हो गए थे. लेकिन वे सिर्फ दर्शक बनकर यह मंजर देखते रहे और मोबाइल से वीडियो बनाते रहे. हालांकि यह, वीडियो में निर्पत सिंह गुर्जर के कुछ परिजन उसे बचाने की भरपूर कोशिश करते दिख रहे हैं, लेकिन ट्रैक्टर चालक इतनी तेजी से बार-बार आगे-पीछे हो रहा था कि वो आसानी से रुकने वाला बिलकुल नहीं था. ट्रैक्टर चालक ने निर्पत सिंह को तब तक रौंदता रहा, जब तक कि उसकी सांसें यानी प्राण नहीं थम गईं. यदि तमाशबीन यानी ग्रामीण के लोगों ने कोशिश की होती, तो शायद आज वो जिंदा होता. लेकिन ज्यादातर घटनाओं की तरह यहां भी इंसानियत शर्मसार हो गई और जनता मुल्ददर्शक बन कर तमाशा देखते रहे. यहाँ एक शख्स तड़प-तड़प कर मरता रहा, और बेशर्म समाज के सबसे बड़े लोग उसकी मौत का वीडियो बनाते रहे.
मृतक के पिता का आरोप है, पुलिस ने 15 हजार रिश्वत लिया
मृतक निर्पत सिंह गुर्जर के पिता अतर सिंह गुर्जर ने पुलिस पर रिश्वत लेने का गम्भीर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पांच दिन ही पहले उनका बेटा निर्पत विवादित रास्ते से होकर जा रहा था. उस समय बहादुर सिंह गुर्जर के घर की महिलाओं ने उसके उपर कचरा फेंक दिया था. इसका विरोध करने पर उन लोगों ने झगड़ा शुरू कर दिया था. इतना ही नहीं थाने जाकर उन्हीं के खिलाफ केस भी दर्ज करा दिया था. पुलिस ने उनको थाने में बुलाकर बैठाए रखा था. रात 9 बजे जब उन लोगों ने 15 हजार रुपए कि रिश्वत दिए, तब जाकर उनको छोड़ा गया. पुलिस इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है. एसएचओ जय प्रकाश परमार का कहना है कि दोनों पक्षों की शिकायत के बाद ही आईपीसी की धारा 107/16 के तहत 22 लोगों को पाबंद कर दिया गया था. इस धारा के तहत पाबंद होने वाले लोग अगले 6 महीने तक किसी भी तरह का विवाद नहीं कर सकते हैं. वरना उनके खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई करती है.पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो में ट्रैक्टर चलाने वाले शख्स की पहचान दामोदर के रूप में ही की गई है. वो उसी पैंट में दिख रहा है, जो की वारदात के दिन पहना था. इसके अलावा ग्रामीण के कुछ लोगों ने भी उसकी पहचान की है. लेकिन यहां ये भी हो सकता है कि दामोदर ने जो पैंट पहनता था, वैसी ही पैंट आरोपी ने भी पहना हो. गांव के जिन लोगों ने आरोपी की पहचान की है, वो बहादुर सिंह गुर्जर के पक्ष के भी हो सकते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि बयाना थाना की पुलिस का दामन खुद दागदार है. उन पर ही रिश्वत लेने का आरोप लगा है. पुलिस कैसे काम करती है, और इसकी हकीकत हर कोई भली भांति जानता है. ऐसे में जबतक दामोदर पकड़ा नहीं जाता है, अपने गुनाह कबूल नहीं कर लेता है या पुलिस मजबूत सबूत नहीं पेश कर देती है, तबतक कुछ भी कहना बहुत जल्दीबाजी होगा.