History of Jamui District : जमुई जिले का इतिहास प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण रहा है। जमुई, जो वर्तमान में बिहार राज्य का एक जिला है, और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही समृद्ध है। जमुई का नाम ‘जम्बू-द्वीप’ से व्युत्पन्न (Derivative ) माना जाता है, जो एक प्राचीन बौद्ध पाठ में भी वर्णित है।

जमुई का ऐतिहासिक महत्व

महाभारत काल में ऐसा माना जाता है कि जमुई का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान जमुई में कुछ समय बिताया था। इस क्षेत्र का नामकरण ‘जम्बू’ पेड़ से हुआ, जो उस समय इस क्षेत्र में बहुतायत यानी भरमार मात्रा में पाए जाते थे।

मगध साम्राज्य का हिस्सा :  जमुई कभी प्राचीन मगध साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसकी राजधानी राजगीर और बाद में पाटलिपुत्र (अभी का आधुनिक पटना) थी। यह क्षेत्र मौर्य, शुंग, गुप्त, और पाल वंशों के शासकों के अधीन रहा, जो इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान बनाते हैं।

बौद्ध और जैन धर्म का केंद्र : जमुई का उल्लेख बौद्ध और जैन ग्रंथों में भी मिलता है। इस क्षेत्र में बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों की उपस्थिति थी, जो इसे एक धार्मिक केंद्र बनाते हैं। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म 540 ई. में हुआ था और उन्होंने इस क्षेत्र में समय बिताया था।

जमुई

मध्यकालीन इतिहास : मध्यकाल में जमुई कई राजाओं और सेनाओं के संघर्षों का गवाह रहा है। यह क्षेत्र पाल, सेन, और खिलजी वंशों के तहत कई बार बदला गया। इसके बाद मुगल और ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन आया था।

ब्रिटिश काल और स्वतंत्रता संग्राम : ब्रिटिश शासन के दौरान जमुई ने भी स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। यहाँ के कई स्वतंत्रता सेनानी, जैसे श्यामा चरण लाल, पंडित रामनारायण शर्मा आदि, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए और योगदान दिया।

वर्तमान में जमुई : 21वीं सदी में, जमुई जिले का गठन 1991 में किया गया था, जिसे मुंगेर जिले से अलग किया गया था। वर्तमान में यह जिला अपनी खनिज संपदा, जैसे कि सोना और अन्य खनिजों के लिए भी जाना जाता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर:

जमुई में कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी हैं, जैसे कि:

त्रिकुट पर्वत : यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो हिन्दू और जैन धर्म दोनों के लिए पवित्र माना जाता है।
पारसनाथ पर्वत: जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।

जमुई का इतिहास न केवल बिहार, बल्कि पूरे भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी रहा है।

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