दिल्ली शराब आबकारी नीति घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला 17 मई को सुरक्षित रख लिया था। आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख ने दिल्ली हाईकोर्ट के 9 अप्रैल के उस आदेश को भी चुनौती दी है। जिसमें उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा गया था।

वही पिछले सप्ताह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्पष्ट किया था कि अन्य सभी आरोपियों की भूमिकाओं की जांच पूरी हो गई है और आबकारी नीति मामले के संबंध में केवल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच की जा रही है।

सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने आगे कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट को 4 जून के बाद हुए कुछ नए घटनाक्रमों के बारे में जानकारी देंगे, जिसके कारण हमें सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना पड़ा। सीबीआई ने आगे कहा है कि केवल अरविंद केजरीवाल की भूमिका और जांच की आगे जांच की गई है, और बाकी आरोपियों के खिलाफ जांच लगभग पूरी हो गई है।

दिल्ली सीएम को छोड़कर मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों से संबंधित

सीबीआई ने आगे यह भी स्पष्ट किया कि सॉलिसिटर जनरल द्वारा पहले दिया गया बयान अरविंद केजरीवाल को छोड़कर मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों से संबंधित था। इससे पहले 4 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया था कि जांच पूरी हो जाएगी और अंतिम शिकायत और आरोप पत्र जल्द से जल्द और किसी भी स्थिति में 3 जुलाई 2024 को या उससे पहले ही दायर किया जाएगा और उसके तुरंत बाद ही ट्रायल कोर्ट ट्रायल के साथ आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र भी होगा।

दिल्ली
दिल्ली मुख्य्मंत्री अरविंद केजरीवाल

उक्त दलीलों के प्रकाश में और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि इस न्यायालय द्वारा 30 अक्टूबर, 2023 के आदेश द्वारा निर्धारित 6-8 महीने की अवधि समाप्त नहीं हुई है। सॉलिसिटर जनरल द्वारा आश्वासन के अनुसार अंतिम शिकायत/आरोप पत्र दायर करने के बाद याचिकाकर्ता को अपनी प्रार्थना को फिर से पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता के साथ इन याचिकाओं का निपटारा करना पर्याप्त होगा।

देश दुनिया की खबरों की अपडेट के लिए AVN News पर बने रहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *