AVN News Desk New Delhi: नीट पेपर लीक और तमाम पेपर लीक को लेकर देशभर में बच्चों और अभिभावकों में बहुत आक्रोश है. शहर-शहर , गांव गांव में लोग नीट पेपर लीक को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी मैं ग्रेटर कैलाश विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार संजय चौहान ने बताया है कि, आज वर्तमान समय में पेपर लीक होना कोई सामाजिक समस्या या कुप्रथा नहीं है बल्कि यह राज्य सरकारों और केंद्र सरकार और साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था की असफलता का परिणाम है।
देशवासी देख पा रहे हैं कि चाहे परीक्षा डॉक्टर की हो, मास्टर की हो, इंजीनियर की हो, रेलवे की हो, पुलिस की हो या समूह “ग” की हो लगभग हर परीक्षा का पेपर लीक हो ही जाता है, अब आप सोचिए जो बच्चे पूरा वर्ष कड़ी मेहनत करते हैं कोचिंग लेते हैं और यह उम्मीद रखते हैं कि हमारे नंबर अच्छे आएंगे हमें अच्छे कॉलेज मिल जाएंगे हम सरकारी नौकरी में आ जाएंगे तो देश की सेवा करेंगे, माता पिता अपनी जमीन जायदाद बेचकर, कर्जा लेकर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं और बच्चे भी अपने भविष्य के यही सपने संजोते हैं कि डॉक्टर बनेंगे तो समाज की सेवा करेंगे देश की सेवा करेंगे उन बच्चों के पेपर लीक हो जाना ………
“ये नीट पेपर लीक सरकार के माथे पर एक कलंक है”
मुझे दुःख होता है यह कहते हुए कि जो राजनेता रात दिन अपने कपड़े फाड़ते हैं कि लोकतंत्र की ओर संविधान की हत्या हो गई ! क्या इन परीक्षार्थियों, इन छात्रों छात्राओं का भविष्य किसी को सरकार को दिखाई नहीं देता चाहे वह राज्य की सरकार हो या केंद्र की सरकार हो……
“संविधान की हत्या तो राज्य सरकार और केंद्र सरकार ही कर रही है जब यह पेपर लीक होते हैं”
अब समय आ गया है कि जिन राज्यों में परीक्षाओं के पेपर लीक होते हैं “उस राज्य के मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए” और भारत सरकार को पेपर लीक के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए अन्यथा “भारत के प्रधानमंत्री” को भी अपना इस्तीफा नैतिकता के आधार पर दे देना चाहिए।

देश दुनिया की खबरों की अपडेट के लिए AVN News पर बने रहिए।