Delhi Politics: AAP (आम आदमी पार्टी) ने मंगलवार (11 मार्च) को कहा कि वह इस बात से हैरान है कि कथित सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में अकेले पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम सामने आ रहा है, जबकि इस मामले में कई और नेताओं पर भी इसी तरह का आरोप है.
दिल्ली की एक अदालत ने इससे पहले दिल्ली पुलिस को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. वही अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने कहा है कि शिव कुमार सक्सेना ने तारीख और समय के साथ दृश्य साक्ष्य पेश किए हैं, जो दर्शाते हैं कि अवैध बैनरों पर केजरीवाल सहित आरोपियों के नाम और तस्वीरें थीं.
एफआईआर दर्ज करने के निर्देश
वही अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने कहा है कि, “इस अदालत की राय यह है कि आवेदन सीआरपीसी (CRPC) की धारा-156(3) के तहत यह स्वीकार किए जाने योग्य हैं. संबंधित थाना प्रभारी (एसएचओ/SHO) को दिल्ली संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम, 2007 की धारा-3 और मामले के तथ्यों से प्रतीत होने वाले किसी भी अन्य अपराध के तहत तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है.”
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा AAP
आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि मूल शिकायत में बीजेपी सहित कई लोगों के नाम थे, जिन्होंने कथित सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था. वही पार्टी ने कहा कि यह बहुत ही अजीब है कि मीडिया केवल अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामले को ही प्रमुखता दे रहा है. अरविंद केजरीवाल के अलावा अदालत ने बड़े साइज के बैनर लगाने के लिए पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की पूर्व पार्षद नितिका शर्मा के खिलाफ भी एफआईआर (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया है.

अब गौरतलब यह है कि साल 2019 में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल, मटियाला से आम आदमी पार्टी (आप) के तत्कालीन विधायक गुलाब सिंह और द्वारका ए वार्ड की तत्कालीन पार्षद नितिका शर्मा ने क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर “बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर जानबूझकर जनता के पैसों का दुरुपयोग किया है.”