दिल्ली के सीलमपुर इलाके में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ है। यहां अचानक चार मंजिला इमारत भरभराकर ढह गई। मलबे में करीब 12 लोगों के दबे होने की आशंका है। अभी तक चार लोगों को मलबे से बाहर निकाल लिया गया है। अभी भी कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। जिन्हें बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की टीम मौके पर पहुंची। फिलहाल पुलिस, दमकल और एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। स्थानीय लोग मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं।
#WATCH | Delhi: Locals help in clearing the debris after a ground-plus-three building collapses in Delhi's Seelampur. 3-4 people have been taken to the hospital. More people are feared trapped. https://t.co/VqWVlSBbu1 pic.twitter.com/UWcZrsrWOb
— ANI (@ANI) July 12, 2025
दिल्ली दमकल विभाग के अनुसार, दिल्ली के सीलमपुर इलाके में बिल्डिंग गिर गई है। 3 से 4 लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। और लोगों के फंसे होने की आशंका है। बचाव कार्य के लिए दमकल की 7 गाड़ियाँ मौके पर मौजूद हैं।
कल दिल्ली आजाद मार्केट इलाके में गिरी थी बिल्डिंग, एक की मौत
आजाद मार्केट इलाके में मेट्रो के जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर के लिए टनल निर्माण क्षेत्र में जर्जर इमारत ढह गई। हादसे में मनोज शर्मा (45) की मौत हो गई। इस मामले में बाड़ा हिंदूराव थाना पुलिस ने लापरवाही से मौत की धारा में प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं दिल्ली मेट्रो की ओर से मनोज के परिजनों को पांच लाख की आर्थिक सहायता की बात कही गई है। मेट्रो प्रबंधन ने भी मामले में जांच शुरू कर दी है।

उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त राजा बांठिया ने बताया कि बृहस्पतिवार रात करीब 1.55 बजे पुलिस और दमकल विभाग को पुल मिठाई के टोकरीवालान इलाके में एक इमारत के गिरने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही स्थानीय बाड़ा हिंदूराव थाना की पुलिस और दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। तब तक वहां बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हो गए थे। वही चारों तरफ अफरातफरी का माहौल बना हुआ था। स्थानीय लोगों से पता चला कि जो इमारत गिरी है वह करीब 70 से 80 साल पुरानी थी। दो मंजिला इमारत में तीन दुकानें थी। जिसमें बैग, रेनकोट और तिरपाल के कपड़े बेचे जाते थे। पहली मंजिल पर गोदाम था। इमारत गिरने से एक ट्रक और एक स्कूटी क्षतिग्रस्त भी हो गई थी।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद एनडीआरएफ, कैट्स एम्बुलेंस, डीडीएमए और अपराध टीम भी मौके पर पहुंच गई। राहत बचाव दल ने मलबा हटाने का काम शुरू किया। कुछ देर बाद ही मलबे से एक व्यक्ति को बाहर निकाला गया। उसे पास के अस्पताल में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। उसके के शरीर के दो टुकड़े हो गए थे। बाद में युवक की शिनाख्त मनोज शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जांच में पता चला कि मनोज दुकान संख्या 7 ए के दुकानदार गुलशन महाजन के कर्मचारी थे। वह 30 वर्षों से दुकान में काम कर रहे थे। हादसे के वक्त वह इमारत की छत पर सो रहे थे।
दुकानदारों ने डीएमआरसी पर लगाया लापरवाही का आरोप
घटना के बाद स्थानीय दुकानदारों ने डीएमआरसी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। दुकानदारों का आरोप है कि मेट्रो निर्माण में हुई लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है। फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) के अध्यक्ष राकेश यादव ने सीधे तौर पर अंडरग्राउंड मेट्रो निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हादसा दिन में होता तो कई लोगों की जान जा सकती थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि डीएमआरसी ने मेट्रो के निर्माण कार्य के चलते जर्जर इमारतों को नोटिस जारी कर दिए। लेकिन नोटिस के बावजूद यहां दुकानें खुल रही थी। जर्जर घोषित करने के बाद इमारतें खाली नहीं कराई गई थीं।