Delhi Assembly Election: कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन न होने पर अपने दम पर चुनाव में उतरने के लिए उम्मीदवार तय करने शुरू कर दिए हैं। इस संबंध में बृहस्पतिवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। इसमें 21 उम्मीदवारों के नाम तय किए गए है। पार्टी ने नई दिल्ली विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

बैठक में उन सभी नेताओं के नामों को विशेष प्राथमिकता दी गई, जो अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं। इन नामों को अब पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा दिया गया है। समिति जल्द ही बैठक करेगी और इन नामों को औपचारिक रूप से घोषित किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, इन 21 नेताओं में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं। इन नेताओं में कई पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और पूर्व पार्षद भी शामिल हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावशाली माने जाते हैं। इसके अलावा पार्टी के कई पदाधिकारी भी इस सूची का हिस्सा हैं। यह वह नेता हैं जिनकी दावेदारी निर्विरोध मानी जा रही थी और पार्टी के भीतर किसी भी प्रकार का विरोध नहीं था। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने इनको हर हाल में चुनाव लड़ाने का मन बना रखा था।

कांग्रेस

गठबंधन न होने पर कांग्रेस की नई रणनीति

आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन न होने के बाद से कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी। उसका लक्ष्य मजबूत और लोकप्रिय उम्मीदवारों को चुनकर अधिकतम सीटों पर जीत हासिल करना है। वही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि यह कदम कांग्रेस को दिल्ली की राजनीति में पुनः स्थापित करने में सहायक होगा। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का यह कदम पार्टी की नई रणनीति को दर्शाता है। मजबूत और लोकप्रिय नेताओं के चयन के जरिये पार्टी की यह संकेत देने की मंशा है कि वह गंभीरता से दिल्ली के चुनावी मुकाबले में है।

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