एवीएन न्यूज डैस्क पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल जिस तरीके की राजनीति कर रहे हैं उसने अच्छे अच्छे राजनीतिक पंडितों का सर चकरा दिया है या यू बोले की उलझा कर रख दिया है. 19 अक्टूबर को मोतीहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में जहां महामहिम द्रौपदी मुर्मू भी मौजूद थीं, नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में मौजूद बीजेपी नेताओं की तरफ इशारा करते हुए दोस्ती की कसमें खाईं थी और मरते दम तक दोस्ती निभाने की बात भी कही थी.

मगर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अचानक से यू टर्न लेते हुए नजर आए हैं. उन्होंने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा है कि ”यह बच्चा ही अब हमारा सब कुछ है और हम सब साथ मिलकर काम कर रहे हैं”.

“यह बच्चा ही अब हमारा सब कुछ है

दरअसल, नीतीश कुमार से शनिवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में दिए गए उनके बयान को लेकर एक सवाल पूछा गया था. जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि मैंने बीजेपी से दोस्ती को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं कहा है. मीडिया ने इसे गलत तरीके से सबकुछ छापा है. जवाब देने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास खड़े डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के कंधे पर हाथ रखा और कहा है कि ”यह बच्चा ही अब हमारा सब कुछ है और हम सब साथ मिलकर काम कर रहे हैं.”

क्या मुख्य्मंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है

गौरतलब यह है कि, पिछले साल भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद भी नीतीश कुमार ने कई मौकों पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और कहा था कि 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन तेजस्वी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. तेजस्वी यादव के कंधे पर हाथ रख के उन्हें अपना सब कुछ बताने वाले बयान के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में अब नई चर्चा जोर शोर से शुरू हो गई है कि क्या नीतीश कुमार ने नए सिरे से तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है.

क्या कही फिर से आवाज दे रही है सुशासन बाबू की अंतर आत्मा?

परिस्थितियां करीब-करीब 2017 जैसी ही बन गई हैं. जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला लिया था. तब आईआरसीटीसी घोटाले में तेजस्वी यादव का नाम उछला था और अंतरात्मा की आवाज पर सुशासन बाबू ने अपनी राहें आरजेडी (RJD ) से अलग कर ली थीं. अब तो एक और घोटाले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट तक दायर हो चुकी है. लैंड फॉर जॉब स्कैम लालू प्रसाद यादव परिवार पूरी तरह से फंसा हुआ है. ऐसे में जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) गठबंधन के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. ये तो आने वाले समय ही बताएगा की सुशासन बाबू कहा और कब अपनी अंतर आत्मा जगाते हैं या महागठबंधन मैं ही अपनी राजनीति को आगे बढ़ाएंगे.

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