Bihar Election 2025: बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बेटे निशांत कुमार (Nishant Kumar) की राजनीति में डेब्यू की चर्चा जोर-शोर हो रही है. बीते शनिवार (15 मार्च, 2025) को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित होली मिलन समारोह में जिस तरह से निशांत कुमार की एंट्री हुई या फिर कराई गई उससे ये पक्का माना जा रहा है कि जेडीयू ने बिहार की राजनीति में निशांत कुमार के राजतिलक की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में सवाल यह है कि वे राजनीति में आते हैं तो किस सीट से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे? इसको लेकर भी चर्चा खूब शुरू हो गई है.

वही राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा खूब है कि निशांत अगर बिहार चुनाव में चुनावी पारी की शुरुआत करते हैं तो फिर उसी हरनौत से चुनाव लड़ सकते हैं जिस हरनौत से नीतीश ने सियासी पारी की शुरुआत की थी. वही कहा तो यह भी जा रहा है कि हरनौत से निशांत लड़ते हैं तो जीत भी लगभग तय है. अब देखना यह होगा कि इन चर्चाओं में आखिर कितना दम है.

बिहार सीएम आवास में होली मिलन समारोह के क्या हैं मायने?

दरअसल होली हर साल आती है, लेकिन सालों बाद ये पहला मौका था जब मुख्यमंत्री आवास में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया है. प्रदेश भर से एक हजार से ज्यादा जेडीयू नेता और नीतीश के वफादार कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था. वही औपचारिक तौर पर तो निशांत की एंट्री का कोई ऐलान नहीं हुआ लेकिन तस्वीरें ये बता रही थी कि जो कुछ हो रहा है वो निशांत के लिए ही हो रहा है.

सीएम आवास में जो लोग मौजूद थे उन्होंने हमें बताया कि नीतीश से ज्यादा कार्यकर्ताओं में निशांत के साथ तस्वीर खिंचवाने का क्रेज दिख रहा था. मानो की हर कोई निशांत की नजर में आने की पूरी कोशिश कर रहा था. निशांत कुमार भी खुलकर कार्यकर्ताओं से मिल रहे थे. उनका हालचाल ले रहे थे. वही पार्टी के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने जिस अंदाज में गुलाल से निशांत को तिलक लगाया मानो ये लग रहा था कि वो पार्टी में एंट्री का राजतिलक कर रहे हैं.

बिहार

हालांकि एवीएन न्यूज़ के कैमरे पर उन्होंने उनकी एंट्री के सवाल पर पत्ते नहीं खोले, लेकिन इशारों इशारों में बहुत कुछ कह दिया है. कहा कि निशांत काबिल हैं. वही योग्य हैं लेकिन सियासत में आएंगे या नहीं इस पर निर्णय निशांत और नीतीश कुमार को ही लेना है. अरविंद निषाद ने इशारा किया तो समारोह से बाहर निकले जेडीयू (JDU) के बड़े नेता और पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने बाकायदा कैमरे पर ऐलान भी कर दिया कि निशांत की सियासी एंट्री हो गई है.

मुख्यमंत्री आवास में मौजूद लोगों ने एवीएन न्यूज़ को बताया कि निशांत सीएम हाउस में न सिर्फ नेताओं से मिल रहे थे बल्कि सूबे के बड़े आला अधिकारी भी उनसे मुलाकात कर रहे थे. निशांत ने अफसरों और बड़े नेताओं के पैर पर गुलाल रखकर आशीर्वाद लिया है.

वही, आप को बता दें कि निशांत के राजनीति में आने की मांग लंबे समय से हो रही है. पिछले कुछ दिनों से तो जेडीयू के कार्यकर्ता मुखर होकर डिमांड कर रहे थे. पटना में तो अलग अलग तरह के पोस्टर लग रहे थे. हाल के दिनों में जिस तरह से निशांत ने मीडिया में बयान देना शुरू किया उसके बाद उनकी सियासी पारी को लेकर अटकलों का बाजार बहुत गर्म होने लगा था. पिछले महीने में उन्होंने तीन चार बार कैमरे पर आकर पिता नीतीश कुमार को एनडीए का सीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग की थी.

…तो इसलिए बिहार में हो रही निशांत के आने की चर्चा

निशांत कुमार बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार के इकलौते बेटे हैं. अब तक नीतीश कुमार ने अपने बेटे को सियासत से दूर रखा था, लेकिन अब जब नीतीश कुमार की उम्र के ढलान पर हैं तो सियासत की विरासत को आगे बढ़ाने वाले की जरूरत अब महसूस हो रही है. निशांत के रूप में नीतीश शायद समर्थकों की उस जरूरत को पूरा करने की तैयारी भी कर रहे हैं. वही बिहार की राजनीति में लालू, नीतीश और रामविलास समकक्षी राजनेता माने जाते हैं. लालू यादव की विरासत तेजस्वी के पास है. रामविलास की विरासत चिराग पासवान बढ़ा रहे हैं. इस त्रिमूर्ति में सिर्फ नीतीश ही हैं जिनकी विरासत को बढ़ाने वाला अभी कोई दिख नहीं रहा. यही वजह है कि निशांत को लेकर इतनी चर्चा हो रही है.

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