Bihar News: राजद को लोकसभा चुनाव 2024 में पूर्व बिहार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बिहार में एनडीए को सबक सिखाने की बात कर रहे थे लेकिन चुनाव परिणाम उनके मन-मुताबिक नहीं रहे थे। बिहार के लोगों ने राजद को लोकसभा की सिर्फ चार ही सीटें दीं। हालांकि ये बात और है कि राजद को बिहार में सबसे ज्यादा वोट मिला है।
अब तेजस्वी यादव 15 अगस्त के बाद बिहार में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने के लिए नई यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं। वहीं दूसरी तरफ चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी बिहार में अपनी पार्टी जन सुराज की राजनीतिक शुरुआत का ऐलान भी किया है।
पूरे बिहार में निकाली जाने वाली तेजस्वी यादव की इस यात्रा को कई चरणों में बांटा गया है ताकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका पूरा लाभ उठाया जा सके।
वही राजद के प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘तेजस्वी जी की यात्रा के दौरान, वह बिहार से संबंधित सभी मुद्दे उठाएंगे, जिसमें केंद्र द्वारा एक बार फिर बिहार को स्पेशल कैटेगरी स्टेटस देने से इनकार करना, नीतीश कुमार द्वारा बिहार सरकार के कोटा वृद्धि को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने में विफल रहना और राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती मौजूदा स्थिति जैसे मुददे शामिल है।’
आरक्षण पर बवाल करेंगे तेजस्वी यादव?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिहार सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की सीमा को 50% से बढ़ाकर 65% करने के आदेश को रद्द कर दिया गया था।
राजद के सूत्रों ने बताया कि तेजस्वी की यात्रा का एक मकसद प्रशांत किशोर जैसे नए खिलाड़ियों को किसी भी तरह का सियासी फायदा लेने से रोकना है। राजद सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘लोगों के पास जाना ही जवाब खोजने और शंकाओं का समाधान करने का सबसे अच्छा तरीका है। जब प्रशांत किशोर अक्टूबर में अपनी पार्टी शुरू करेंगे, तो हम लोगों के बीच होंगे, हमारे नेता तेजस्वी जी अपने नौकरी के वादे को दोहराएंगे। हमने लोकसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव जी की यात्रा के दौरान उनके नौकरी के वादे को लेकर पूरा करने पर भीड़ की काफी उत्साही प्रतिक्रिया देखी थी।’
तेजस्वी यादव ने मानसून सत्र में क्यों नहीं लिया हिस्सा?
जब राजद प्रवक्ता से सवाल किया गया कि तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में हिस्सा क्यों नहीं लिया तो उन्होंने कहा,”तेजस्वी जी की अनुपस्थिति का बहुत ज्यादा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। ऐसा किसी निजी कारण से हो सकता है। सदन के नेता, सीएम नीतीश कुमार भी कुछ विधायी कार्यवाही से दूर रहते हैं।”
इस दौरान सुबोध मेहता ने पीके फैक्टर पर भी ज्यादा महत्व नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वो पिछले दो सालों से मैदान में हैं। हमें उनके बारे में कुछ नहीं कहना। हम हमने कोर एजेंडा- बिहार के युवा के लिए नौकरी और बिहार की आर्थिक उन्नति पर फोकस करेंगे।
पीके बोल रहे तेजस्वी यादव पर हमला
एक तरफ जहां राजद पीके को खास महत्व न देने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ पीके तेजस्वी का नाम लिए बिना उनपर हमले कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में कहा है कि नौवीं क्लास तक पढ़ा आदमी सीएम बनने के सपने देख रहा है और बिहार के यूवा ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं को ऑफिस अटेंडेंट तक की नौकरी नहीं मिल पा रही है।

राजद के पक्ष में माहौल बनाएगी तेजस्वी की यात्रा?
राजद को विश्वास है कि तेजस्वी की यात्रा पार्टी के पक्ष में माहौल बनाएगी। लोकसभा में बिहार में इंडिया गठबंधन को भले ही सिर्फ नौ सीटों पर सफलता मिली हो लेकिन राजद को राज्य में सबसे ज्यादा 22.14% वोट शेयर मिला था। राजद क ेबाद क्रमश: बीजेपी (20.5%) और जदयू ( 18.52%) का नंबर आता है।
बीजेपी बोली- अपने प्रमोशन में लगे तेजस्वी
बीजेपी ने तेजस्वी यादव की प्रस्तावित यात्रा को सेल्फ प्रमोशन एक्सरसाइज करार दिया है। बीजेपी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों का विधानसभा के हिसाब से एनालिसिस करने पर पता चलता है कि बिहार में 243 विधानसभा सीटों में से एनडीए 174 पर आगे है। राजद का आधार खिसक रहा है। हम उनकी यात्रा से चिंतित नहीं हैं।
