Bihar News: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों के हंगामा प्रदर्शन के मामले में प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. वही प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उन्होंने अभ्यर्थियों को उकसाया, उन्हें सड़क पर लाकर हंगामा करने के लिए प्रेरित किया. वही इसके चलते ही उनके खिलाफ कई गंभीर धाराएं भी लगाई गई हैं. इस मामले में प्रशांत किशोर समेत 21 से अधिक नामजद और 600 से अधिक अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है.
वही पटना के जिलाधिकारी ने इस पूरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा है कि प्रदर्शन के दौरान हुई सभी अव्यवस्था और कानून-व्यवस्था के उल्लंघन के कारण ही ये कार्रवाई की गई है. इस मामले की अभी जांच जारी है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया है.
इन सबके खिलाफ हुई FIR
मनोज भारती (अध्यक्ष जन सुराज पार्टी)
2.रह्मांशु मिश्रा, कोचिंग संचालक
3. निखिल मणि तिवारी
4. सुभाष कुमार ठाकुर
5. शुभम स्नेहिल
6. प्रशांत किशोर (2 बाउंसर जो प्रशांत किशोर के साथ थे)
7. आनंद मिश्रा
8. राकेश कुमार मिश्रा
9. विष्णु कुमार
10. सुजीत कुमार (सुनामी कोचिंग)
सहित कुल 21 नामजद लोगों और 600–700 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
बिहार की नीतीश सरकार से बातचीत के इरादे से निकले थे ये सभी छात्र
वही,बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी अभ्यर्थी (BPSC Aspirants) पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. आज वे गांधी मैदान से इस मकसद से ही निकले थे कि उनकी नीतीश कुमार सरकार से बातचीत होगी, लेकिन बीच में ही बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की लगातार कोशिश की गई. वही ,कैंडिडेट्स नहीं रुके और वे बैरिकेड्स को तोड़ते हुए आगे बढ़ते रहे. आखिर में जब वे जेपी गोलंबर पहुंचे तो पुलिस ने उनपर कड़ाके की ठंड में ठंडे पानी की बौछारें कर दीं. इस दौरान ही पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज भी किया और फिर उन्हें जेपी गोलंबर से उन्हें खदेड़ते हुए हटा दिया गया है.

प्रशांत किशोर की अगुवाई में ही निकाला गया था मार्च
दरअसल, सभी अभ्यर्थियों का कहना है कि कई दिनों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद भी नीतीश कुमार सरकार ने उनसे बातचीत नहीं की. इसके बाद प्रशांत किशोर की अगुवाई में उन्होंने सचिवालय की तरफ मार्च करने का फैसला किया था. वही गांधी मैदान से वे रविवार शाम सरकार से बातचीत करने के लिए निकले थे. उन्हें रोकने के लिए बिहार पुलिस ने कई लेयर में बैरिकेडिंग भी की है. वही होटल मौर्य पर भी बैरिकेडिंग की गई लेकिन अभ्यर्थी उसे तोड़ते हुए आगे बढ़े, जहां बिहार पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पहुंच गई थी.
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर क्या बोले?
इससे पहले गांधी मैदान में अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि, “एक दिन नारे लगाने से कुछ भी नहीं होगा. वही बिहार में छात्रों का जीवन कई सालों से बर्बाद हो रहा है. यह लड़ाई लंबे समय तक चलानी होगी और इसे अंजाम तक भी पहुंचाना होगा.” उन्होंने किसान आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा है कि किसान दिल्ली में सालों तक डेरा डालकर बैठे थे, तभी ही कुछ हुआ है.उन्होंने कहा है कि, “बिहार में डोमिसाइल नीति में बदलाव, पेपर लीक और नौकरियों में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है तो बिहार के छात्रों को एकजुट होकर ही अपनी लड़ाई लड़नी होगी.”

AISA का चक्का जाम का ऐलान
30 दिसंबर को BPSC री-एग्जाम को लेकर AISA ने बिहार बंद और चक्का जाम का ऐलान किया है. वही भाकपा ने भी इस आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है. वही प्रशांत किशोर ने कहा है कि छात्र खुद निर्णय लें कि कब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए मार्च करना है.
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