Bihar Flood: बिहार में बाढ़ से हालात लगातार बद से बत्तर होते जा रहे हैं. कोसी और गंडक नदी के महा रौद्र रूप धारण करने के बाद राज्य के 16 जिले जलमग्न यानी पानी में डूब गया है जिससे 10 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. वही 7 तटबंधों के टूटने के बाद वाल्मिकी टाइगर रिजर्व पूरी तरह से डूब गया जिससे जानवरों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बिहार में कोसी के जल तांडव के बाद लगातार हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं. सोमवार को कई नए इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए हैं जिसके बाद से लोगों को अपना घरबार छोड़ना पड़ा है. अधिकारियों ने बताया है कि राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई क्योंकि दरभंगा जिले में कोसी नदी और सीतामढी में बागमती नदी के तटबंध टूट गए हैं.
वही रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने बताया है कि कोसी नदी उफान पर है और करतारपुर ब्लॉक के पास उसका तटबंध टूट गया है, जिससे रविवार देर रात दरभंगा में करतारपुर और घनश्यामपुर गांव बाढ़ में डूब गए हैं, जबकि सीतामढी जिले के रुन्नी सैदपुर ब्लॉक में बागमती नदी के तटबंध में रिसाव की भी सूचना है.
बिहार में 7 तटबंध टूटने से बिगड़े पूरी हालात
वही एक अधिकारी ने कहा है कि, ‘तटबंध टूटने से बाढ़ की स्थिति खराब हो गई है लेकिन यह अभी नियंत्रण में है, घबराने की कोई भी बात नहीं है.’ उन्होंने कहा है कि राज्य जल संसाधन और आपदा प्रबंधन विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं.
बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया है कि, राज्य के अलग-अलग हिस्सों से अब तक तटबंध टूटने की कुल 7 घटनाएं सामने आई हैं, और उनमें से कुछ की मरम्मत पहले ही की जा चुकी है। वही अन्य के लिए काम अभी चल रहा है.’
एक अन्य अधिकारी ने बताया है कि पानी के अत्यधिक दबाव के कारण सीतामढी के मधकौल गांव में बागमती नदी का तटबंध और पश्चिम चंपारण में गंडक नदी का तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में बाढ़ आ गई है.
वही मंत्री ने कहा कि, ‘दरभंगा के वाल्मिकीनगर और किरतपुर में तटबंधों के ऊपर पानी बहने की सूचना मिली थी लेकिन अब कई नदियों में पानी का स्तर अभी कम होना शुरू हो गया है. वही बाढ़ के कारण बिहार में अब तक किसी के हताहत होने की कोई भी सूचना नहीं है.’
दूसरे राज्यों से बिहार पहुंची है एनडीआरएफ की टीम
उन्होंने कहा है कि उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, उत्तर प्रदेश के वाराणसी और झारखंड के रांची से एनडीआरएफ (NDRF) की छह और टीमों को यहां तैनात किया जा रहा है.
वही आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सोमवार को जारी एक बुलेटिन में कहा गया है कि उन्हें बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान में तैनात एनडीआरएफ की मौजूदा 15 और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीआरएफ) की 15 टीमों के अलावा लगाया जा रहा है.
वही एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘कई छोटी नदियों में जल स्तर घटने के बावजूद, कुल मिलाकर स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और बाढ़ से 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. अब तक किसी की मौत की कोई भी सूचना नहीं है.’ बाढ़ से अभी तक 16 जिले, 55 प्रखंड, 269 गांव बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं.
बीरपुर और वाल्मिकीनगर बैराजों से फिर छोड़ा गया पानी
शनिवार और रविवार को बीरपुर और वाल्मिकीनगर बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद से बिहार सरकार ने राज्य के उत्तरी, दक्षिणी और मध्य हिस्सों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया था. एक अन्य अधिकारी ने बताया है कि हालांकि, गंडक और कोसी नदियों पर बने वाल्मिकीनगर और बीरपुर बैराजों से पानी का डिस्चार्ज सोमवार सुबह कम हो गया है.
उन्होंने कहा है कि रविवार को वाल्मिकीनगर बैराज से पानी का डिस्चार्ज 5.62 लाख क्यूसेक था, जबकि सोमवार सुबह 8 बजे तक यह 1.89 लाख क्यूसेक था. अधिकारी ने कहा है कि इसी तरह, बीरपुर बैराज से पानी का डिस्चार्ज 29 सितंबर को 6.61 लाख क्यूसेक था और सोमवार सुबह 8 बजे तक यह घटकर 2.88 लाख क्यूसेक हो गया था.
इन सभी जिलों का बुरा हाल
वही राज्य के 16 प्रभावित जिलों में पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, मधुबनी, अररिया, पूर्णिया, कटिहार जहानाबाद और भोजपुर शामिल हैं. इन जिलों में सबसे खराब स्थिति है.
राहत सामग्री बांट रही बिहार सरकार
वही बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अबतक लगभग 30500 पॉलीथीन शीट और लगभग 25600 ड्राई राशन पैकेट का वितरण सरकार की तरफ से किया गया है. वही बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने और प्रभावित इलाकों में आवागमन के लिए 800 नावों का इंतजाम भी किया गया है.
वही बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों के स्वास्थ्य की देख-भाल के लिए पर्याप्त दवाओं के साथ साथ डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति भी की गई हैं. वही डूबे हुए क्षेत्रों में 8 बोट एम्बुलेंस का भी परिचालन किया जा रहा है जिनपर मोबाईल मेडिकल टीम भी तैनात है. वही पशुओं के लिए पशु दवा और पशु चारा का इंतजाम किया भी किया गया है.